March 28, 2025 |

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डीजल चोर के सरगना तक फिर नहीं पहुंच सके पुलिस के हाथ, सूर्यकांत के राज में कोयला/डीजल माफिया था सरगना, पड़ोसी जिले से आकर देता है अंजाम, सफेदपोश नेता का राइट हैंड पुलिस गिरफ्त में, चोरों का साथ देने के शक में 6 पुलिसकर्मी भी सस्पेंड, कोरबा एसपी सिद्धार्थ तिवारी की अवैध कारोबार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई

Gram Yatra Chhattisgarh
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कोरबा: अवैध कारोबार के खिलाफ कोरबा एसपी सिद्धार्थ तिवारी की सख्त कार्रवाई के बावजूद कोयला चोरी और डीजल माफिया का मुख्य सरगना अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। यह सरगना दीपका के एक सफेदपोश नेता के संरक्षण में हर महीने करोड़ों का डीजल चोरी करवा रहा है। हालांकि पुलिस ने सफेदपोश नेता के इशारे पर काम करने वाले उसके राइट हैंड पुरुषोत्तम यादव को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन असली मास्टरमाइंड अब तक बच निकलने में कामयाब रहा है।

एसईसीएल खदान से मिली थी चोरी की सूचना

22 दिसंबर की रात एसईसीएल गेवरा खदान के सुरक्षा अधिकारी ने दीपका पुलिस को सूचना दी थी कि बोलेरो वाहन (CG 12 BL 6960) में डीजल चोरी की जा रही है। जब सुरक्षा अधिकारी ने वाहन को रोकने की कोशिश की, तो गैंग के सदस्य मौके से फरार हो गए। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी तिवारी ने थाना प्रभारी प्रेमचंद साहू को मामले की जांच और कार्रवाई का निर्देश दिया।

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए वाहन नंबर के आधार पर छापेमारी की और पुरुषोत्तम यादव समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से 2345 लीटर डीजल और चोरी में इस्तेमाल किए गए दो बोलेरो वाहन बरामद किए गए।

पुलिसकर्मियों की संदिग्ध भूमिका, 6 सस्पेंड

इस कार्रवाई के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि कुछ पुलिसकर्मी ही चोरों को अंदरूनी जानकारी देते थे। जांच में साइबर सेल में पदस्थ हेड कांस्टेबल राजेश कंवर, आरक्षक रितेश शर्मा, हरदीबाजार थाना के आरक्षक कमल कैवत्र्य और तिलक पटेल, तथा कुसमुंडा थाना के आरक्षक धीरज पटेल और त्रिलोचन सागर की संदिग्ध भूमिका पाई गई।

एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने इन सभी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि इतने बड़े रैकेट को केवल सिपाहियों के भरोसे नहीं चलाया जा सकता। विभाग के भीतर उच्च स्तर पर भी मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।

सरगना तक क्यों नहीं पहुंच पा रही पुलिस?

एसपी तिवारी के नेतृत्व में अवैध कारोबार पर शिकंजा कसने की कार्रवाई को जनता का समर्थन मिल रहा है। लेकिन पुलिस के हाथ अब तक सरगना तक क्यों नहीं पहुंच पा रहे हैं, यह सवाल गहराता जा रहा है। कोयला माफिया और डीजल चोरी के इस खेल में सफेदपोश नेताओं और प्रशासनिक तंत्र की गहरी जड़ें उजागर हो रही हैं।

कोरबा में चल रहे इस बड़े रैकेट ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता को उम्मीद है कि एसपी तिवारी जल्द ही असली गुनहगारों को पकड़ने में कामयाब होंगे।

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