छत्तीसगढ़ में पहली बार CM हाउस में मनाया गया पोला तीजा
रायपुर । छत्तीसगढ़ में पहली बार आज पोला तीज का त्योहार मुख्यमंत्री निवास में उत्साह के साथ मनाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी उत्साह में दिखे और बच्चों को चाकलेट बांटी। यहां कई महिलाएं भी पारंपरिक परिशान में पोला तीज त्योहार मनाने पहुंची। गौरतलब है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि छत्तीसगढ़ी त्योहारों को तवज्जो दी जा रही है।पोला तीज त्योहार मनाने के लिए छत्तीसगढ़ की परंपरा और रीति-रिवाज के अनुसार मुख्यमंत्री निवास में साज-सज्जा की गई थी। शुक्रवार सुबह नौ से 10 बजे तक पोला का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर नंदी-बैल की पूजा की गई, वहीं 11 बजे से शाम 4 बजे तक तीजा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। तीजा महोत्सव के लिए प्रदेश के विभिन्न् स्थानों से बहनों को आमंत्रित किया गया है। इस अवसर पर बहनों द्वारा करूभात खाने की रस्म पूरी की जाएगी। साथ ही छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेलों का भी आयोजन रखा गया है।
छत्तीसगढ़ का पोरा तिहार मूल रूप से खेती-किसानी से जुड़ा पर्व है। खेती किसानी में बैल और गौवंशीय पशुओं के महत्व को देखते हुए इस दिन उनके प्रति आभार प्रकट करने की परम्परा है। छत्तीसगढ़ के गांवों में बैलों को विशेष रूप से सजाया जाता है। उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। घरों में बच्चे मिट्टी से बने नंदीबैल और बर्तनों के खिलौनों से खेलते हैं। घरों में विभिन्न पकवान तैयार किए जाते हैं और उत्सव मनाया जाता है। बैलों की दौड़ भी इस अवसर पर आयोजित की जाती है।
तीज को खास बनाने मायके आती हैं बेटियां
छत्तीसगढ़ में तीजा (हरतालिका तीज) की विशिष्ट परम्परा है, महिलाएं तीजा मनाने मायके आती हैं। छत्तीसगढ़ में तीजा पर्व की इतना अधिक महत्व है कि बुजुर्ग महिलाएं भी इस खास मौके पर मायके आने के लिए उत्सुक रहती हैं। महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए तीजा पर्व के एक दिन पहले करू भात ग्रहण कर निर्जला व्रत रखती हैं।
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