पेन्ड्रा बनेगा जिला मुख्यालय, जिले के गठन की तैयारी शुरू
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही को नया जिला बनाने की घोषणा कर दी है, लेकिन इसके अस्तित्व में आने में तीन महीने का समय लग सकता है। बताया गया कि पेन्ड्रा को ही जिला मुख्यालय बनाए जाने की संभावना है।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही को जिला बनाने की घोषणा की। अब तक यह बिलासपुर जिले का हिस्सा रहा है। बिलासपुर जिला मुख्यालय से तीनों तहसीलों की दूरी 80 किलोमीटर से अधिक होने के कारण जिला बनाने की मांग लंबे समय से होती रही है। विवाद से बचने के लिए जिले का नामकरण भी गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही किया गया है। गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिला मिलाकर प्रदेश में जिलों की संख्या 27 से बढक़र 28 जिले हो चुके हैं।
बताया गया कि राजस्व विभाग ने नए जिले के गठन की तैयारी शुरु कर दी है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही नए जिले की सीमा को लेकर आपत्ति-दावे बुलाए जाएंगे। इसके लिए 60 दिन का समय दिया जाएगा। आपत्ति-दावों का निराकरण के बाद सीमांकन तय किया जाएगा और फिर कैबिनेट की मंजूरी के बाद अधिसूचना जारी की जाएगी। कुल मिलाकर इसमें कम से कम तीन महीने का समय लग सकता है।
बताया गया कि जिला मुख्यालय को लेकर भी खींचतान हो सकती है। कहा जा रहा है कि कई लोग मरवाही को जिला मुख्यालय बनाना चाहते हैं। जबकि कुछ की राय गौरेला के पक्ष में है। मरवाही की दूरी अधिक होने के कारण यहां मुख्यालय बनने की संभावना बेहद कम है। अलबत्ता, पेन्ड्रा जिला मुख्यालय बन सकता है। पेन्ड्रा सबसे पुराने तहसीलों में से एक है। यहां जिला लायक अधोसंरचना भी है। इसके अलावा यह ट्रेन रूट पर भी स्थित है। कुल मिलाकर पेन्ड्रा को ही जिला मुख्यालय बनाए जाने की संभावना सबसे ज्यादा है। जिला मुख्यालय तय होने के बाद कलेक्टर-एसपी की पोस्ंिटग होगी। नया जिला भी बिलासपुर संभाग के अन्तर्गत आएगा।
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