February 24, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
अज्ञात वाहन की ठोकर से घायल हुआ तेंदुआ, गरियाबंद में चल रहा इलाज…रेखा गुप्ता ने पीएम मोदी से की मुलाकातनारायणपुर की शानदार उपलब्धि, नीति आयोग ने दिया 10 करोड़ का पुरस्कारसक्ती जिले मे त्रिस्तरीय पंचायत चुनावबागेश्वर धाम में कैंसर हॉस्पिटल का शिलान्यासछत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित इलाके की पंचायतों में वोटिंग के लिए उमड़े मतदातामहामुकाबले से पहले पाकिस्तान के मुख्य कोच ने जताया तेज गेंदबाजों की तिकड़ी पर भरोसा, कही ये बातभिलाई के 7 लोग एमपी में हादसे का शिकार, नर्स की मौतचैंपियंस ट्रॉफी 2025: भारत-पाकिस्तान मुकाबले में भारत की मजबूत स्थिति, पाकिस्तान दबाव मेंबिजली कटौती, 4 इलाकों में पड़ेगा असर
छत्तीसगढ़

अब गाइड लाइन मूल्य पर ही लगेगा रजिस्ट्री शुल्क

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

मध्यम वर्ग को संपत्ति रजिस्ट्री में बड़ी राहत

 

रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पहल पर छत्तीसगढ़ सरकार ने संपत्ति खरीदने वाले मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत दी है। अब किसी भी प्रापर्टी की खरीद-बिक्री में गाइड लाइन दर से सौदे की रकम अधिक होने पर भी रजिस्ट्री शुल्क गाइड लाइन दर के अनुसार ही लिया जाएगा। इससे बैंक लोन पर निर्भर मध्यम वर्गीय परिवार को वास्तविक मूल्य के आधार पर ऋण मिल सकेगा।

उल्लखेनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी की अध्यक्षता में पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस फैसले से विशेषकर उन नागरिकों को लाभ होगा, जो बैंक ऋण के माध्यम से संपत्ति खरीदते हैं। पूर्व में संपत्ति की खरीद-बिक्री में गाइड लाइन दर और सौदे की राशि में जो भी अधिक होता था, उस पर रजिस्ट्री शुल्क देना आवश्यक था। उदाहरण के लिए यदि किसी संपत्ति का गाइड लाइन मूल्य 10 लाख रुपये है और उसका सौदा 15 लाख में हुआ, तो रजिस्ट्री शुल्क 15 लाख पर 4 प्रतिशत के हिसाब से 60 हजार रुपये देना पड़ता था।

इस नियम में संशोधन के बाद संपत्ति खरीदने वाले अब सौदे की रकम गाइड लाइन दर से अधिक होने पर भी वास्तविक मूल्य को अंकित कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें कोई रजिस्ट्री शुल्क नहीं देना होगा। 10 लाख रुपये की गाइड लाइन मूल्य वाली प्रॉपर्टी का सौदा 15 लाख में होता है, तो भी रजिस्ट्री शुल्क 10 लाख के 4 प्रतिशत के हिसाब से 40 हजार रुपये देय होगा। इस तरह 20 हजार रुपये की बचत होगी।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि इस संशोधन से मध्यम वर्गीय परिवारों को वास्तविक मूल्य के आधार पर अधिक बैंक ऋण प्राप्त करने में सहूलियत होगी। इसके अलावा यह निर्णय संपत्ति बाजार में पारदर्शिता व स्पष्टता को बढ़ाने में भी सहायक होगा और इससे वास्तविक मूल्य दर्शाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा।

देश के अन्य राज्यों में जमीन की गाइडलाइन कीमत या सौदा मूल्य दोनों में से जो ज्यादा हो उस पर पंजीयन शुल्क लगता है। केवल मध्य प्रदेश में गाइडलाइन कीमत से अधिक सौदा मूल्य दर्शाने पर उसमें पंजीयन शुल्क में छूट दी गई है। इसके कारण वहां लोगों में वास्तविक सौदा मूल्य को रजिस्ट्री पेपर में लिखने की प्रवृत्ति में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।

वर्तमान में किसी संपत्ति का सौदा मूल्य सामान्यतः गाइडलाइन मूल्य से बहुत ज्यादा होता है। लेकिन लोग गाइडलाइन मूल्य या इसके आसपास का ही सौदा मूल्य अंकित करते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि अगर वास्तविक सौदा राशि अंकित कर देंगे, तो पंजीयन शुल्क गाइडलाइन मूल्य या वास्तविक सौदा राशि दोनों में से जो ज्यादा हो उस पर लगेगा। अधिक पंजीयन शुल्क से बचने के लिए लोग गाइडलाइन कीमत या इसके आसपास पूर्णांकित करते हुए सौदा मूल्य डाल देते हैं।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल का सीधा लाभ राज्य के सभी मध्यमवर्गीय परिवारों को मिलेगा क्योंकि अधिकांश मध्यमवर्गीय परिवार संपत्ति खरीदने के लिए बैंक लोन पर निर्भर रहते हैं। बैंक लोन रजिस्ट्री पेपर में दिखाए गए सौदे के रकम के आधार पर मिलता है, लोग पंजीयन शुल्क से बचने के लिए गाइडलाइन कीमत के बराबर सौदा मूल्य दिखाते हैं।कम सौदा कीमत दिखाएं जाने से बैंक लोन भी कम मिलता है।इस नीति से आमजनों को न्यायिक प्रकरणों में भी संपत्ति का वास्तविक मूल्य प्राप्त होगा। यदि कभी संपत्ति में कुछ धोखाधड़ी पायी गई तो व्यक्ति विक्रेता से वही मुआवजा पाने का हकदार होता है, जो रजिस्ट्री पेपर में लिखा हुआ। संपत्ति का सही मूल्य रजिस्ट्री में अंकित होने से प्रभावित व्यक्ति को उसका सही मुआवजा प्राप्त हो पायेगा।

 

ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close