August 1, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
बिलासपुर में आर्किटेक्ट फर्जीवाड़ा : 10 साल से चल रहा था नक्शा पासिंग का खेल, असली खुलासा अब हुआASI का भ्रष्ट खेल उजागर: रिश्वत लेकर आरोपी को लौटाया जब्त मोबाइल, कोर्ट आदेश को दिखाया ठेंगा — शिकायत करने पर दी धमकी, ऑडियो वायरलमहिला अधिकारी ने डीएमसी के खिलाफ की थी झूठी शिकायत ! प्रशासन की जांच में आरोप पाए गए गलत, किसके शह पर बिछाए गए थे मोहरे पढ़िए पूरी रिपोर्ट…शोक समाचार :  पत्रकार एवं छत्तीसगढ़ अखबार वितरक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद सिन्हा नहीं रहेONC BAR पर प्रशासन की चुप्पी पर उठा विवाद, विश्व हिंदू परिषद ने जताई नाराज़गीबिलासपुर कलेक्टर की अनुकरणीय पहल – पशु व जनहित में सराहनीय कदमसीएम साय ने किया ‘गौ विज्ञान परीक्षा अभियान 2025’ का शुभारंभग्रीन उद्यम की परिकल्पना को साकार करने साय सरकार दे रही विशेष पैकेज: उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगनबालको महिला मंडल ने धूमधाम से मनाया तीज महोत्सव“जब कोई साथ नहीं होता… तब ‘आगाज़ इंडिया’ साथ होता है” ‘आख़िरी सफर’ — एक संवेदनशील और मानवीय पहल
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में लागू हुई नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पीड़ित राहत पुनर्वास नीति। जिलों में समितियों के गठन के निर्देश

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर(ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य में नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 को औपचारिक रूप से लागू कर दिया है। गृह विभाग द्वारा 28 मार्च 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में विशेष समितियों के गठन के निर्देश दिए गए हैं। यह नीति, नक्सल हिंसा में पीड़ित हुए व्यक्तियों एवं परिवारों जैसे कि मृत्यु, गंभीर घायल या स्थायी अपंगता के शिकार लोगों के साथ-साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और राहत के उद्देश्य से तैयार की गई है।

जिला स्तर पर गठित की जाएगी पुनर्वास समिति

अधिसूचना के अनुसार, प्रत्येक जिले में गठित होने वाली समिति में कलेक्टर अध्यक्ष होंगे, जबकि पुलिस अधीक्षक को सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अतिरिक्त वनमंडलाधिकारी, जिला पंचायत के सीईओ, कलेक्टर द्वारा नामांकित दो अन्य अधिकारी तथा सशस्त्र बलों के प्रतिनिधियों को भी समिति में शामिल किया जाएगा।

नोडल अधिकारी होंगे नियुक्त

प्रत्येक जिले एवं सब-डिविजनल स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, जिनका मोबाइल नंबर व ई-मेल पता राज्य शासन को प्रेषित किया जाएगा। यह अधिकारी समस्त पुनर्वास कार्यों की निगरानी करेंगे। गृह विभाग ने निर्देशित किया है कि राज्य गठन के उपरांत से अब तक के सभी पीड़ित प्रकरणों को चिन्हित किया जाए और आत्मसमर्पित नक्सलियों का चयन कर राहत एवं पुनर्वास की कार्यवाही प्राथमिकता पर की जाए।

इस नीति के अंतर्गत एक विशेष पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक पीड़ित एवं आत्मसमर्पित व्यक्ति की जानकारी दर्ज की जाएगी और उन्हें एक यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी। संबंधित अधिकारी इस पोर्टल के डैशबोर्ड का नियमित रूप से अवलोकन कर राहत एवं पुनर्वास के कार्यों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। गृह विभाग ने कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे इस नीति के अंतर्गत निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए राहत एवं पुनर्वास की कार्यवाही को समय सीमा में प्रभावी रूप से पूरा करेंगे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close