छत्तीसगढ़

सांसद रूपकुमारी ने दागा सवाल : कांग्रेस आज किस मुँह से कानून-व्यवस्था के नाम पर अनर्गल प्रलाप कर रही है?

भारतीय जनता पार्टी की सांसद रूपकुमारी चौधरी ने छत्तीसगढ़ की कानून-व्यवस्था को लेकर कांग्रेस द्वारा विधानसभा के घेराव के ऐलान को कोरी सियासी ड्रामेबाजी बताते हुए कहा है कि प्रदेश में अपराधों की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार सतत ठोस कदम उठा रही है और मुद्दाविहीन हो चली कांग्रेस इसमें ओछी राजनीति कर रही है। श्रीमती चौधरी ने कहा कि दरअसल कांग्रेस नेताओं को अपने पिछले शासनकाल के आईने में अपने नाकारापन की सच्चाई देखना चाहिए, जब पूरा प्रदेश अपराधगढ़ बन गया था और प्रदेश के तत्कालीन गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने अपराधों की रोकथाम के मामले में अपने हाथ खड़े कर दिए थे।

महासमुंद। भारतीय जनता पार्टी की सांसद रूपकुमारी चौधरी ने छत्तीसगढ़ की कानून-व्यवस्था को लेकर कांग्रेस द्वारा विधानसभा के घेराव के ऐलान को कोरी सियासी ड्रामेबाजी बताते हुए कहा है कि प्रदेश में अपराधों की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार सतत ठोस कदम उठा रही है और मुद्दाविहीन हो चली कांग्रेस इसमें ओछी राजनीति कर रही है। श्रीमती चौधरी ने कहा कि दरअसल कांग्रेस नेताओं को अपने पिछले शासनकाल के आईने में अपने नाकारापन की सच्चाई देखना चाहिए, जब पूरा प्रदेश अपराधगढ़ बन गया था और प्रदेश के तत्कालीन गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने अपराधों की रोकथाम के मामले में अपने हाथ खड़े कर दिए थे।

भाजपा सांसद श्रीमती चौधरी ने कहा कि आज भाजपा सरकार में प्रदेश को एक ऐसा दृढ़ निश्चयी गृह मंत्री मिला है, जो न केवल अपराधों की रोकथाम के लिए सतत प्रयत्नशील है, अपितु प्रदेश को नक्सलियों के आतंक से मुक्त करने की दिशा में तेजी और सख्ती से पहल कर रहा है। श्रीमती चौधरी ने कहा कि दरअसल कानून-व्यवस्था तो कांग्रेस के लिए एक बहाना भर है, मूल बात यह है कि जिन नक्सलियों के साथ कांग्रेसियों का भाईचारा है, वे नक्सली कांग्रेस की दुखती रग हैं, और उनके समूल उन्मूलन के लिए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री/गृह मंत्री विजय शर्मा संकल्पित हैं और कांग्रेसी कानून-व्यवस्था का प्रलाप मचाकर श्री शर्मा के खिलाफ एक साजिशाना और झूठा नैरेटिव चला रहे हैं। श्रीमती चौधरी ने कहा कि बीजापुर का कांग्रेसी नेता तेलंगाना में हार्डकोर नक्सली के साथ पकड़ा गया था और यहां भूपेश सरकार के मंत्री उसके अपहरण की कहानी सुना रहे थे! कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ में 1 माह में चार भाजपा पदाधिकारियों की टारगेट किलिंग हुई थी। इससे अधिक शर्मनाक बात और क्या हो सकती है कि झारखंड के गैंगस्टर भी छत्तीसगढ़ के कारोबारियों को वसूली के लिए धमाके करके धमका रहे थे। जब भूपेश बघेल सहित चार तत्कालीन मंत्री अपने जिले को नहीं संभाल पा रहे थे तो कांग्रेसी बताएँ कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति का धनी-धोरी कौन था? कांग्रेस के नेताओं को शर्म महसूस करनी चाहिए कि उनके शासनकाल में न केवल माफिया राज, गुंडागर्दी बढ़ी, बल्कि प्रदेश के नागरिकों का आत्म-सम्मान के साथ सुरक्षित जीना तक दूभर हो गया था। हर तरह के अपराधों की तो बाढ़ आ गई थी। आज कानून-व्यवस्था को लेकर कांग्रेसियों के प्रलाप से यह साफ हो रहा है कि कांग्रेस ऐसे मामलों में गंदी और ओछी राजनीतिक सोच का प्रदर्शन भर कर रही है।

भाजपा सांसद श्रीमती चौधरी ने कहा कि जिस कांग्रेस के राज में छतीसगढ़ का कवर्धा साम्प्रदायिक दंगे की आग में झुलस गया, जिस कांग्रेस के राज में जबरिया धर्मांतरण के चलते आदिवासियों में वर्ग-संघर्ष के खतरनाक हालात पैदा हो गए थे, जिस कांग्रेस के राज में लव जिहाद के नाम पर बिरनपुर में मस्जिद के अंदर भुनेश्वर साहू की मॉब लिंचिंग कर दर्दनाक हत्या की गई, जिस कांग्रेस के राज में ‘हिन्दुस्तान जिंदाबाद’ कहने पर भिलाई में एक सिख युवक की सरेआम हत्या करके उसके शव के साथ तक बदसलूकी की गई, जिस कांग्रेस के राज में मासूम बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाओं की अस्मत सरेआम लहूलुहान होती रही, जिस कांग्रेस के राज में रक्षाबंधन के दिन दो बहनों के साथ दरिंदगी हुई और उसके आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण देने के लिए कांग्रेस के लोग हाथ-पैर मारते देखे गए, जिस कांग्रेस के राज में शिक्षक दिवस के दिन एक आदिवासी शिक्षिका सामूहिक यौन दुष्कर्म की शिकार हुई, जिसमें एक आरोपी कांग्रेस का नेता था, जिस कांग्रेस के राज में महिला दिवस के दिन राजधानी में महिलाओं पर अत्याचार की पराकाष्ठा की गई, वह कांग्रेस आज किस मुँह से कानून-व्यवस्था के नाम पर अनर्गल प्रलाप कर रही है? श्रीमती चौधरी ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में तो पुलिस इंस्पैक्टर बालिका छात्रावास में घुसकर मारपीट और गाली-गलौज करते थे। कई संगीन अपराधों में कांग्रेस नेता या उनके परिजनों की संलिप्तता को प्रदेश भूला नहीं है। इन अपराधियों को कांग्रेस की तत्कालीन भूपेश सरकार राजनीतिक संरक्षण देती नजर आ रही थी। नारी सुरक्षा और नारी आत्मसम्मान पर प्रहार की तो भूपेश शासन में पूरी-की-पूरी एक परिपाटी बन गई थी।

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