
कोरबा। पांच साल बाद कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल को वापस से मतदाताओं की याद आ गई है।यही वजह है कि सरकारी बंगले में रोज निजी पार्टी दे मंत्री लोगो को चुनाव से पहले ही रिझा रहे है।
बीती रात तो मंत्री ने गजब ही कर दिया इस बार की पार्टी में उन्होंने जिनको बुलाया उनकी चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी रहती है जी हां हम बात कर रहे है उन सरकारी शिक्षकों की जिनकी मतदाता सूची तैयार करने से लेकर मतदान कराने तक की जिम्मेदारी होती है।
बीती रात कोरबा विधानसभा में नियुक्त समस्त शिक्षा विभाग के शिक्षक शिक्षिकाओं को सपरिवार निमंत्रण दिया गया है उनका बुलंवा कहीं और नहीं उस सरकारी बंगले डी /1 जो कभी नगर निगम के महापौर के लिए हुआ करता था वह आज राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के बंगले के रूप में जाना जाता है वहां के लिए आया।
यहां पर कोरबा विधानसभा क्षेत्र के सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को पुरे परिवार के साथ बुलाया गया है लगभग 1500 शिक्षक को सपरिवार बुलाने का मतलब आप खुद निकाल सकते है की आखिर इन्हें यहां क्यों बुलाया गया था? सत्ता का दम और निगम के सहयोग से यहां लगातार हजारों लोगों को पार्टी दिया जा रहा है कभी किसी संघ कभी कोई समाज कभी कोई विभाग के सरकारी कर्मचारी और इसी कड़ी में आज सरकारी शिक्षक शिक्षिकाओं को बकायदा फोन कर निमंत्रण दिया है लगभग 1500 लोगों को बुलाया गया और उनका खान पान की पुरी व्यवस्था किया गया है साथ ही साथ सभी को गिफ्ट मिले इसका भी ध्यान रखा गया!
क्या आपने भी कभी ऐसा देखा था की चुनावी रणनीति पर इस तरह पैसों की बारिश धन-बल सत्ता बल का प्रयोग होता हो लेकिन कोरबा में हो रहा है।
खुले आम सरकारी मशीनरी का खुलकर उपयोग किया जा रहा है।
और विपक्ष और जिम्मेदार लोग आंख में पट्टी बांध मौन है।
इन पांच वर्षों में इन शिक्षकों की याद सेठजी को क्यों नहीं आई इनका सुध पहले क्यों नहीं लिया गया।
@@@@ खैर जनता भी सब देख व सुन रही है हमारा सवाल आम जनता से है ,,,
** क्या शिक्षा जैसे पवित्र पेशे से जुडे लोगों को वहां जाना उचित था ।
** क्या सरकारी कर्मचारी को किसी पार्टी विशेष के कार्यक्रम में इस तरह जाना शासन के आदर्श आचार-संहिता का उलंघन नहीं है,,
** क्या नगर निगम की सरकारी बंगले का उपयोग इस तरह सही है ।
** क्या किसी भी सरकारी कर्मचारी को किसी भी पार्टी विशेष के कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए वो भी शिक्षा जैसे पवित्र विभाग से जहां सभी वर्गों से ताल्लुक रखने वाले बच्चे व उनका परिवार जुड़ा हुआ होता है।
**क्या आने वाले चुनाव में शिक्षकों की निर्वाचन ड्युटी नहीं लगेगी है ,और अगर लगगी है तो इसे आप क्या समझेंगे,
आप अपनी राय अवश्य देवें… बने रहे ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ न्यूज़ नेटवर्क के साथ,,