March 13, 2025 |

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मेडिकल कॉलेज में इस साल सामान्य वर्गों के लिए आरक्षण नहीं

Gram Yatra Chhattisgarh
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सामान्य वर्ग के गरीबों को मेडिकल कॉलेजों में 10 फीसदी आरक्षण के लिए साल भर से ज्यादा का इंतजार करना पड़ेगा। इस साल यानी अगले सत्र 2019-20 में एमबीबीएस, बीडीएस, एमडी और एमएस कोर्स में एससी, एसटी, ओबीसी और दिव्यांगों को ही आरक्षण का लाभ मिलेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि सामान्य उच्च शिक्षा संस्थानों की तुलना में मेडिकल कॉलेजों में सीट बढ़ाने की प्रक्रिया काफी जटिल है।
इसके लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) में आवेदन देना पड़ता है। एमसीआई कॉलेज की अधोसंरचना, व्यवस्था, शिक्षकों की संख्या और मरीजों की उपलब्धता की जांच-पड़ताल करने के बाद कॉलेज में कितनी सीट देनी है, इस पर फैसला करता है।
खास बात यह है कि सीटों की मंजूरी के लिए आवेदन एक साल पहले शुरू हो जाते हैं। इस साल यह प्रक्रिया खत्म होने पर है। सीटें बढ़ाने की तय प्रक्रिया के चलते अगले चार महीनों में इसे पूरा करना संभव नहीं होगा।
एक अन्य आला अधिकारी ने तकनीकी की समस्या का हवाला देते हुए कहा कि एमसीआई ने किसी भी कॉलेज में अधिकतम 250 सीटों के लिए ही मानक तय किए गए हैं। आज के समय में कई ऐसे कॉलेज हैं, जहां पहले ही 250 सीटों को मंजूरी प्रदान की जा चुकी है। ऐसे में यहां 25 फीसदी सीटें बढ़ाने के लिए एमसीआई को 250 से ज्यादा सीटों के लिए नए मानक तय करने होंगे। इस प्रक्रिया में भी समय लगेगा।
अधिकारी ने कहा कि इन चुनौतियों को देखते हुए मंत्रालय सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़ों को अकादमिक वर्ष 2020-21 से लागू करने का फैसला किया है। हमें इसे लागू करने के लिए दो वर्ष का समय दिया गया है। परिस्थितियों को देखते हुए संभव है कि इसमें तीन वर्ष का समय भी लग जाए।

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