July 31, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
बिलासपुर में आर्किटेक्ट फर्जीवाड़ा : 10 साल से चल रहा था नक्शा पासिंग का खेल, असली खुलासा अब हुआASI का भ्रष्ट खेल उजागर: रिश्वत लेकर आरोपी को लौटाया जब्त मोबाइल, कोर्ट आदेश को दिखाया ठेंगा — शिकायत करने पर दी धमकी, ऑडियो वायरलमहिला अधिकारी ने डीएमसी के खिलाफ की थी झूठी शिकायत ! प्रशासन की जांच में आरोप पाए गए गलत, किसके शह पर बिछाए गए थे मोहरे पढ़िए पूरी रिपोर्ट…शोक समाचार :  पत्रकार एवं छत्तीसगढ़ अखबार वितरक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद सिन्हा नहीं रहेONC BAR पर प्रशासन की चुप्पी पर उठा विवाद, विश्व हिंदू परिषद ने जताई नाराज़गीबिलासपुर कलेक्टर की अनुकरणीय पहल – पशु व जनहित में सराहनीय कदमसीएम साय ने किया ‘गौ विज्ञान परीक्षा अभियान 2025’ का शुभारंभग्रीन उद्यम की परिकल्पना को साकार करने साय सरकार दे रही विशेष पैकेज: उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगनबालको महिला मंडल ने धूमधाम से मनाया तीज महोत्सव“जब कोई साथ नहीं होता… तब ‘आगाज़ इंडिया’ साथ होता है” ‘आख़िरी सफर’ — एक संवेदनशील और मानवीय पहल
छत्तीसगढ़

सुकमा में नक्सलियों का बड़ा जमावड़ा, पुलिस अलर्ट

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

सुकमा । बस्तर संभाग में नक्सलियों के बड़े जमवाड़े की पुलिस को खुफिया सूचना मिली है। सूत्रों के अनुसार इनमें ज्यादातर पड़ोसी राज्यों से आए हैं। पुलिस को आशंका है कि नक्सली दंतेवाड़ा उपचुनाव से पहले बड़ी वारदात की फिराक में हैं। इसे देखते हुए चौकसी बढ़ा दी गई है। फोर्स को अलर्ट रहने का निर्देश जारी किया गया है। साथ ही महाराष्ट्र और तेलंगाना की सुरक्षा एजेंसियों को भी अलर्ट भेजा गया है। दंतेवाड़ा उप चुनाव के लिए प्रचार अब अंतिम दौर में है। अब वहां बड़े नेताओं के भी पहुंचने की संभावना है। गौरतलब है कि दंतेवाड़ा उपचुनाव में कांग्रेस व भाजपा दोनों ने जिन्हें उपना प्रत्याशी बनाया है वह नक्सल हमले में अपना सुहाग खो चुकी हैं। कांग्रेस ने यहां से देवती कर्मा को टिकट दिया है। उनके पति महेंद्र कर्मा को झीरम नरसंहार में नक्सलियों ने मार दिया था। झीरम कांड में कांग्रेस के उस दौर के अधिकांश बड़े नेता नक्सलियों की फायरिंग में मारे गए थे। भाजपा ने ओजस्वी मंडावी को अपना प्रत्याशी बनाया है। ओजस्वी के पति भीमा मंडावी दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक चुने गए थे। लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों के बारूदी विस्फोट में भीमा की मौत हो गई थी। इसके बावजूद यहां नक्सलवाद की चर्चा सहानुभूति के वोटों के ध्रुवीकरण के प्रयासों तक ही सीमित है। नक्सलवाद की चर्चा छेड़ो तो नेता तत्काल सतर्क हो जाते हैं। कई नेताओं की हत्या राजनीतिक हत्याओं के लिए बदनाम नक्सली इस इलाके में कई नेताओं की हत्या कर चुके हैं। झीरम हमले में कांग्रेस नेता की हत्या से पहले नक्सली उनके आधा दर्जन से अधिक रिश्तेदारों को मार चुके हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले नीलावाया गांव में उन्होंने दूरदर्शन के एक कैमरामैन की हत्या की जिसपर बहुत बवाल हुआ था। 2008 के चुनाव में नकुलनार के दो भाजपा नेताओं की हत्या नक्सलियों ने की थी। नक्सलवाद पर उलझन गत विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने बातचीत के जरिये नक्सल समस्या के हल का वादा किया था। हालांकि बाद में सरकार दुविधा में फंसती नजर आई। सीपीआइ कांग्रेस को याद दिला रही है कि निर्दोष आदिवासियों की रिहाई के मुद्दे पर अब तक कोई काम नहीं हुआ है। इधर काश्मीर से धारा 370 व 35 ए हटाने के बाद आतंकवाद और नक्सलवाद पर भाजपा और आक्रामक दिखने की कोशिश कर रही है। हालांकि खुलकर बयान कोई नहीं दे रहा है।

Related Articles

Check Also
Close