February 23, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
अज्ञात वाहन की ठोकर से घायल हुआ तेंदुआ, गरियाबंद में चल रहा इलाज…रेखा गुप्ता ने पीएम मोदी से की मुलाकातनारायणपुर की शानदार उपलब्धि, नीति आयोग ने दिया 10 करोड़ का पुरस्कारसक्ती जिले मे त्रिस्तरीय पंचायत चुनावबागेश्वर धाम में कैंसर हॉस्पिटल का शिलान्यासछत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित इलाके की पंचायतों में वोटिंग के लिए उमड़े मतदातामहामुकाबले से पहले पाकिस्तान के मुख्य कोच ने जताया तेज गेंदबाजों की तिकड़ी पर भरोसा, कही ये बातभिलाई के 7 लोग एमपी में हादसे का शिकार, नर्स की मौतचैंपियंस ट्रॉफी 2025: भारत-पाकिस्तान मुकाबले में भारत की मजबूत स्थिति, पाकिस्तान दबाव मेंबिजली कटौती, 4 इलाकों में पड़ेगा असर
छत्तीसगढ़

सदन में उठा कमल विहार परियोजना का मामला, मूणत ने पूर्ववर्ती सरकार को घेरा…

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। विधानसभा मानसून सत्र के चौथे दिन भाजपा विधायक राजेश मूणत ने अपने तारांकित प्रश्न में लैंड यूज बदले बिना टेंडर निकालने का मामला उठाया। उन्होंने कमल विहार का पुराने नए स्वरूप को स्पष्ट करने की मांग की। आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि 2021 के मास्टरप्लान में बोरियाखुर्द के गज राज बांध तालाब क्षेत्र में सिटी पार्क को बाद के मास्टरप्लान में आमोद-प्रमोद कर दिया गया था। इससे 40 करोड़ रूपए फंड राइजिंग भी होना था।

मूणत ने इसके लैंड यूजऱ बदलने और फाइल पूर्व मंत्री के पास होने का भी  मुद्दा उठाया। मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि 2021 के मास्टरप्लान में सिटी पार्क लैंड यूज था। टाउन प्लानिंग स्कीम के स्वीकृत प्लान के मुताबिक पार्क स्वीकृत किया गया था। इसके बाद मास्टरप्लान में आमोद-प्रमोद कर दिया गया।इसके तहत ही  7-ए, 7-बी प्लान लाया गया। 7 ए के लिए 3 टेंडर निकल कोई बिडर नहीं आया। 7 ए का टेंडर फाइनल करना है। जो बेस प्राइज से 10 करोड़ ज़्यादा दर पर श्री जी कृपा नाम के फर्म ने 72 करोड़ रुपये में बीड किया था। लैंड यूज चेंजफर्म को करना था, लेकिन उसने आरडीए से किए जाने की मांग को लेकर कमर्शियल कोर्ट में चला गया। यह मामला आर्बिट्रेशन में चल रहा है।

राजेश मूणत ने कहा कि आमोद-प्रमोद में होने वाले निर्माण की जानकारी मांगते हुए कहा कि लैंड यूज बदले बिना रिक्रियेशनल पार्क बनाने टेंडर निकाल लिया। मंत्री चौधरी ने कहा कि आमोद प्रमोद में क्लब हाउस, सिटी पार्क बनाए जा सकते हैं। और उसी के अनुसार ही लैंड यूज किया जाएगा। मूणत ने कहा कि लेकिन रिक्रियेशनल पार्क के नाम पर मैरिज पैलेस नहीं बनाया जा सकता। आरडीए को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से नये सिरे से लैड यूज चेंज करना होता है। बगैर ले आउट चेंज किए टेंडर कैसे कर दिया गया?

राजेश मूणत ने कहा कि टेंडर की शर्तों में लिखा है कि लैंड यूज बदलना बिडर की जिम्मेदारी है, आश्चर्य की बात है कि बगैर लैंड यूज बदले टेंडर निकल गया। क्या इसकी जांच कराकर दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होगी? मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि वर्तमान मास्टर प्लान के आधार पर ये टेंडर निकाला गया था।

मूणत ने कहा कि पीछे की कहानी यह है कि वह जमीन आरडीए के पास नहीं थी। टेंडर कैंसिल कर पहले आरडीए ने जमीन ली और फिर नया एनआईटी जारी किया। उन्होंने पूछा कि नियमों के विपरीत जाकर आरडीए ले आउट और लैंड यूज बदल सकता है? जांच कर दोषी पर कार्रवाई करेंगे? मंत्री चौधरी ने कहा कि जमीन आरडीए के पास ही है।

दरअसल जिस जमीन से यह मुद्दा जुड़ा है वह जमीन अमोद प्रमोद के लिए आरक्षित थी, तत्कालीन आसव सचिव पी संगीता, तत्कालीन सीईओ धर्मेश साहू और अध्यक्ष शुभाष धुप्पड़ ने टेंडर जारी कर अमित गोयल को जमीन बेच दी थी। लेकिन लेंड यूज़ चेंज नहीं होने के चलते वह बिल्डर आरडीए के चक्कर काट रहा था। राजेश मूणत ने यही मुद्दा आज उठाया। जिसके बाद मंत्री चौधरी ने जांच के निर्देश दिए।

यहां देखें आमोद-प्रमोद का टेंडर …

ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close