June 28, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
स्वच्छता दीदियों का ड्राईविंग लाईसेंस बनाने 02 जुलाई को सियान सदन में लगेगा शिविरकोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ठेका घोटाला : डॉ. गोपाल कंवर और लेखाधिकारी अशोक कुमार महिपाल की जोड़ी का कमाल, ठेकेदार मालामाल…भारतमाला घोटाला: निलंबित पटवारी ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा- ‘मैं निर्दोष हूं’बलौदाबाजार में फैला डायरिया, कलेक्टर ने अस्पताल पहुंचकर लिया हालात का जायजाडिप्टी सीएम शर्मा ने पंचमुखी बूढ़ा महादेव मंदिर में किया जलाभिषेकनवाचार और तकनीक से सशक्त होंगे अन्नदाता : विष्णुदेव सायगद्दा बनाने वाली फैक्ट्री में लगी आग, युवक की मौत..अवैध सितार निर्माण फैक्ट्री में दबिश, दस्तावेज के अभाव में फैक्ट्री सीलबीजापुर में 13 हार्डकोर नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पणजांजगीर चांपा पुलिस की सराहनीय पहल: निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
छत्तीसगढ़

जजों को इस्तीफे से 3 महीने पहले देनी होगी जानकारी, नया नियम लागू…

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

बिलासपुर। राज्य के विभिन्न न्यायालयों में कार्यरत जजों के लिए विधि विधायी विभाग ने नया नियम लागू कर दिया है। त्यागपत्र देने के तीन माह पहले विधि विधायी विभाग को इस संबंध में सूचना देनी होगी। किसी कारणवश तय समयावधि में सूचना नहीं दे पाए तो ऐसी स्थिति में तीन महीने का वेतन सरेंडर करना होगा। नए नियम को तत्काल प्रभाव से छत्तीसगढ़ में लागू कर दिया है।

भारत के संविधान के अनुच्छेद 233 व 309 में दी गई शक्तियों का उपयोग करते हुए विधि विधायी विभाग ने छत्तीसगढ़ उच्चतर न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा शर्तें) नियम, 2006 में दी गई पूर्व की व्यवस्था में जरूरी संशोधन कर दिया है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में पदस्थ जज अगर इस्तीफा देने का मन बनाते हैं तो उनको तीन महीने पहले इसकी सूचना विभाग को देनी होगी। सूचना देना जरूरी नहीं समझते हैं तो इस्तीफा स्वीकार होने से पहले तीन महीने का वेतन जमा करना होगा।

पूर्व में यह व्यवस्था एक महीने पहले सूचना या फिर एक महीने का वेतन सरेंडर करने की शर्त रखी गई थी। संविधान के अनुच्छेद 233 व 309 के नियम 12 उप नियम (पांच) में कुछ इस तरह की व्यवस्था थी। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट व राज्य लोक सेवा आयोग के परामर्श और दी गई सलाह के आधार पर विधि विधायी ने जरूरी संशोधन किया है। विधि विधायी विभाग ने एक और संशोधन कर सिविल जज परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों के लिए विधि में स्नातक की डिग्री के साथ ही राज्य अधिवक्ता परिषद में पंजीयन को अनिवार्य कर दिया है। संशोधन के साथ ही राज्यपाल के अनुमोदन व आदेश के बाद विधि विधायी विभाग के अतिरिक्त सचिव सहाबुद्दीन कुरैशी ने छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित कर दिया है।

एक महत्वपूर्ण बदलाव यह भी
विधि विधायी विभाग ने विधि के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण बदलाव किया है। सिविल जज प्रारंभिक परीक्षा के पाठ्यक्रम में छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान को शामिल किया है। इसे शामिल करने का लाभ स्थानीय युवाओं को मिलेगा। प्रदेश से संबंधित सवालों के जवाब स्थानीय युवा जो सिविल जज की परीक्षा दिलाने की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए फायदेमंद होगा। विधि विधायी विभाग के इस बदलाव को स्थानीय युवाओं के लिए बोनस अंक के रूप में देखा जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close