November 7, 2024 |

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जोगी की जाति का मामला उलझ गया

Gram Yatra Chhattisgarh
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रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के जाति प्रमाणपत्र का मामला उलझ गया है। तत्कालीन नायब तहसीलदार के इस कथन पर कि वर्ष-1967-68 में गौरेला-पेंड्रा में नायब तहसीलदार दफ्तर ही नहीं था। जिला प्रशासन इस बात की पड़ताल कर रहा है कि आखिर गौरेला-पेंड्रा नायब तहसीलदार दफ्तर अस्तित्व में कब आया था।
श्री जोगी की जाति प्रमाणपत्र को छानबीन समिति ने फर्जी करार दिया है। इसके खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री श्री जोगी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। कोर्ट ने यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं और 26 तारीख से नियमित सुनवाई होगी। दूसरी तरफ, पूर्व मुख्यमंत्री श्री जोगी के वर्ष-1967-68 में बने जाति प्रमाण पत्र में जिस नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर हैं, वे अब सामने आ गए हैं।
तत्कालीन नायब तहसीलदार पतरस तिर्की की उम्र 84 साल हो चुकी है। उन्होंने बकायदा शपथ पत्र देकर कहा कि मैं वर्ष-1967 में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत था। अजीत प्रमोद जोगी द्वारा वर्ष-1967-68 का मेरे नाम और हस्ताक्षर से जारी प्रमाण पत्र का उपयोग होना दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष-1967-68 में गौरेला-पेंड्रा में नायब तहसीलदार का दफ्तर ही अस्तित्व में नहीं था। अजीत प्रमोद जोगी द्वारा उपयोग किए गए उक्त प्रमाण पत्र मेरे द्वारा कभी जारी ही नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यदि मेरे द्वारा हस्ताक्षरित ऐसा कोई जाति प्रमाणपत्र अजीत जोगी प्रस्तुत करते हैं, तो वह स्वमेव झूठा और असत्य है।
तत्कालीन नायब तहसीलदार के शपथ पत्र के बाद जिला प्रशासन इस बात की पड़ताल कर रहा है कि गौरेला-पेंड्रा में नायब तहसीलदार दफ्तर अस्तित्व में कब आया था। पूरी जांच रिपोर्ट मिलने के बाद इस प्रकरण पर कार्रवाई हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि छानबीन समिति ने जोगी को जारी कंवर अनुसूचित जनजाति से संबंधित जाति प्रमाण पत्रों को विधि संगत नहीं पाया था। इसके फलस्वरूप जोगी के जाति प्रमाण पत्रों को जून 2017 में निरस्त कर दिया गया था। छानबीन समिति के आदेश के खिलाफ जोगी ने हाईकोर्ट बिलासपुर में रिट याचिका दायर की थी। तब हाईकोर्ट ने छानबीन समिति के आदेश को निरस्त करते हुए एक बार फिर समिति का गठन करने का निर्देश दिया था। इस आदेश के बाद राज्य शासन द्वारा फरवरी वर्ष 2018 में समिति का पुनर्गठन किया गया। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव डी डी सिंह की अध्यक्षता में बनी उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने जोगी को जारी जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने का आदेश दिया है।

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