July 31, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
बिलासपुर में आर्किटेक्ट फर्जीवाड़ा : 10 साल से चल रहा था नक्शा पासिंग का खेल, असली खुलासा अब हुआASI का भ्रष्ट खेल उजागर: रिश्वत लेकर आरोपी को लौटाया जब्त मोबाइल, कोर्ट आदेश को दिखाया ठेंगा — शिकायत करने पर दी धमकी, ऑडियो वायरलमहिला अधिकारी ने डीएमसी के खिलाफ की थी झूठी शिकायत ! प्रशासन की जांच में आरोप पाए गए गलत, किसके शह पर बिछाए गए थे मोहरे पढ़िए पूरी रिपोर्ट…शोक समाचार :  पत्रकार एवं छत्तीसगढ़ अखबार वितरक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद सिन्हा नहीं रहेONC BAR पर प्रशासन की चुप्पी पर उठा विवाद, विश्व हिंदू परिषद ने जताई नाराज़गीबिलासपुर कलेक्टर की अनुकरणीय पहल – पशु व जनहित में सराहनीय कदमसीएम साय ने किया ‘गौ विज्ञान परीक्षा अभियान 2025’ का शुभारंभग्रीन उद्यम की परिकल्पना को साकार करने साय सरकार दे रही विशेष पैकेज: उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगनबालको महिला मंडल ने धूमधाम से मनाया तीज महोत्सव“जब कोई साथ नहीं होता… तब ‘आगाज़ इंडिया’ साथ होता है” ‘आख़िरी सफर’ — एक संवेदनशील और मानवीय पहल
Uncategorizedछत्तीसगढ़मनोरंजनराजनीतीरोचक तथ्य

एक चुनाव में हार क्या मिली जयसिंह अग्रवाल नाराज़ हो गये भगवान राम से !

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

कोरबा। बीते साल के हिंदू नव वर्ष को याद करें, तो चौक चौराहे, शहर भर की सड़कें और पांच साल मुफ्त में मिलती रही नगर निगम की होर्डिंग्स हाथ जोड़े, पगड़ी पहने मुस्कुराते पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की बधाईयों वाले पोस्टरों से पट गए थे। वह भी इतने ज्यादा कि प्रतीत हो रहा था कि कोरबा में केवल जयसिंह अग्रवाल ही एक मात्र नेता हैं और उनसे बड़ा आस्थावान कोई दूसरा है ही नहीं। खैर, चुनावी सीजन गुजरने के साथ उनकी सत्ता और कुर्सी दोनों जाती रही, पर इस बार के नववर्ष में शायद उनकी हिंदू आस्था भी चल बसी है। यही वजह है जो सड़कों पर बैनर पोस्टर की बाढ़ तो छोड़िए, मोबाइल पर एक मैसेज तक नहीं है, जिनमें पूर्व मंत्री अपने प्रिय जिलावासियों को बधाई शुभकामनाएं दे रहे हों। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बीते विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से नाराज पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल अपनी बादशाहत खत्म होने का जिम्मेदार शायद जनता को ही मान रहे हैं जो उनके जुबान से इसी जनता के लिए शुभकामना के दो मीठे बोल तक नहीं छूट रहे, जिन्होंने 15 साल उन्हें अपने सिर आंखों पर बिठाया रखा। पर जनता अब जान चुकी है कि धर्म-कर्म में भी ये अवसर तलाशते रहे और जनता के विस्वास से खेलते रहे। नतीजा 2023 के विधानसभा चुनाव में मिल चुका है और अब लोकसभा चुनाव 2024 की बारी है।

खैर, इतना सोचने की जरूरत भी नहीं है क्योंकि ऐसे अवसरवादी और मौकापरस्त नेताओं से कोई और उम्मीद रखना ही बेमानी होगा, जिन्हें अपने रसूख और राजनीतिक फायदे के अलावा किसी और से कोई सरोकार नहीं। उल्लेखनीय होगा कि वर्ष 2023 में बीते चुनावी वर्ष में मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल के हर चौक चौराहों में फ्लैक्स लगवा रखे थे, मानों सैलाब आ गया हो। लेकिन इस वर्ष हिन्दू नववर्ष पर एक भी पोस्टर नहीं दिख रहा है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या आस्था सिर्फ़ चुनाव के लिए और चुनाव तक ही होती है। तब के समय में यहां तक कि शोभा यात्रा के आयोजकों को भी शहर में जगह नहीं मिल रही थी। आयोजन सम्बंधित बैनर पोस्टर लगाने की हजारों की संख्या में कोसाबाड़ी से लेकर सीतामढ़ी तक उधर बालको, दर्री सर्वमंगला रोड से कुसमुंडा तक सिर्फ पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ही आस्था के रंग में अकेले डुबकी लगा रहे थे। पर इस बार ऐसा क्या हुआ, कि इस वर्ष पूर्व मंत्री जी ग़ायब ही हो गए। यही आलम रहा तो खुद कांग्रेसियों को ही अपने पूर्व विधायक को ढूंढने के लिए गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवानी पड़ जाए, तो कुछ कहा नहीं जा सकता

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close