March 12, 2025 |

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अपने 55वें बर्थडे पर अलीबाबा से विदाई लेंगे जैक मा, जानें टीचर से लेकर अब तक का सफर

Gram Yatra Chhattisgarh
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अलीबाबा ग्रुप के कर्ता-धर्ता जैक मा आज अपने 55 वें जन्मदिन पर कंपनी से विदा हो रहे हैं। अपने 55वें जन्मदिन यानी 10 सितंबर 2019 को अलीबाबा ग्रुप के चेयरमैन जैक मा कंपनी की बागडोर डैनियल झांग को सौंप कर रिटायर हो जाएंगे और उम्मीद की जा रही है कि वह शिक्षा के क्षेत्र में काम पर फोकस करेंगे। जैक मां का शिक्षा से लगाव इसलिए भी रहा है क्योंकि उन्होंने वह भी एक समय में शिक्षक रह चुके हैं। जैक ने एक गरीब टीचर से करोड़ों का साम्राज्‍य खड़ा करने का सफर तय किया है। जैक मां की संपत्ति 41 अरब डॉलर है। उनकी योजना अपनी अकूत संपत्ति को शिक्षा पर खर्च करने की है। चलिए जानते हैं जैक मा के सफर के बारे में…
बिल गेट्स या स्टीव जॉब्स की तरह जैक मा के पास कंप्यूटर साइंस की भी कोई पृष्ठभूमि नहीं रही। बचपन में कभी उन्होंने कंप्यूटर इस्तेमाल नहीं किया। गणित के पेपर में एक बार उन्हें 120 में से केवल एक अंक मिला। 1980 में वह अपने शहर में एक स्कूल टीचर की नौकरी करने लगे। तीन साल बाद उन्होंने इस नौकरी को छोड़ अनुवाद करने वाली एक कंपनी खोली।
1994 में जब वह अपने बिजनेस के सिलसिले में अमेरिका गए थे, तो वहां इंटरनेट देखकर हैरान रह गए। उन्हें यह बात करामाती लगी कि कैसे घर बैठे लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से इंटरनेट के जरिए जुड़ सकते हैं। इंटरनेट के प्रति रुझान की वजह से वह चीन में ‘मिस्टर इंटरनेट’ के नाम से मशहूर हो गए।
जब जैक मा के शहर में KFC ने अपनी ब्रांच खोली तो उन्‍होंने उसके लिए भी अप्लाई किया पर वहां से भी रिजेक्ट हो गए। करीब 30 नौकरी से रिजेक्शन के बाद जैक मा ने अलीबाबा की शुरुआत की और सफलता का स्वाद चखा।
जापान की बड़ी फाइनेंशियल कंपनी सॉफ्टबैंक से जैक मा कर्ज लेने में कामयाब हुए। यह कंपनी चीन के आईटी सेक्टर में निवेश करती है। अलीबाबा में शुरुआती निवेश करने वालों में से एक वू यिंग ने वेबसाइट पर लिखा- एक पुरानी सी जैकेट और हाथ में एक कागज पकड़े वह हमारे पास आया था। कुल छह मिनट में उसने निवेशकों को इतना यकीन दिला दिया और दो करोड़ अमेरिकी डॉलर का कर्ज ले लिया।
21 फरवरी 1999 को जैक मा ने अलीबाबा की नींव रखी और इसके लिए अपने 17 दोस्तों को तैयार किया। हालांकि, शुरुआती मुश्किलों के बाद उनकी कंपनी तेजी से ग्रोथ दिखाने लगी।
उनकी जीवनी पर आधारित किताब ‘अलीबाबा: द हाउस दैट जैक मा बिल्ट’ में बताया गया है कि जब जैक ने 1999 में हांगझू के अपने अपार्टमेंट में अलीबाबा कंपनी का कामकाज शुरू किया था तो लोग उन्हें शक की नजरों से देखते थे। वे उन्हें तीन साल तक ठग ही समझते रहे। चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के फाउंडर जैक मा एशिया के सबसे रईस आदमी हैं। फोर्ब्स के मुताबिक उनकी कुल पूंजी 2.43 लाख करोड़ रुपए है।

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