February 6, 2025 |

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छत्तीसगढ़

फर्जी जाति प्रमाणपत्र धारियों पर शिंकजा, जोगी पिता-पुत्र समेत 13 नेताओं के खिलाफ जांच

महीने भर में जांच पूरी करने मुख्यमंत्री ने दी हिदायत

Gram Yatra Chhattisgarh
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रायपुर। फर्जी जाति प्रमाणपत्रधारकों के खिलाफ सरकार कार्रवाई के मूड में है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल साफ कह चुके हैं कि फर्जी जाति प्रमाणपत्रधारी नौकरी कर सकेंगे न ही नेतागिरी। यह तथ्य प्रकाश में आया है कि प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी समेत 13 जनप्रतिनिधियों के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाणपत्र प्रकरण पर जांच चल रही है।
विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर श्री बघेल ने साफ कह दिया है कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र धारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जांच प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक माह का समय दिया है। इसके बाद से आदिम जाति कल्याण विभाग में हलचल मच गई है। खुद विभागीय मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह विशेष रूचि ले रहे हैं।
बताया गया कि प्रदेश में 4 सौ से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी हासिल करने की शिकायत की पड़ताल हो रही है, इसमें से कई की जांच पूरी हो चुकी है। मगर, 13 जनप्रतिनिधि ऐसे हैं जिनके खिलाफ फर्जी जाति प्रमाणपत्र के सहारे चुनाव लडऩे का आरोप है। इसकी जांच चल रही है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी भी हैं। जोगी मरवाही से विधायक हैं और अमित पूर्व विधायक हैं। दोनों के अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र को फर्जी होने की शिकायत हुई है।
बताया गया कि जोगी के खिलाफ मुख्यमंत्री रहते ही शिकायत हुई थी। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी मामला चला। आखिरकार छानबीन समिति को प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ वर्ष-2011 में दोबारा शिकायत हुई थी। इसी तरह अमित जोगी के खिलाफ वर्ष-2017 में शिकायत हुई है। इसके अलावा कु.नमिता बंसल-जनपद सदस्य, शकीला बेगम-नगर पंचायत अध्यक्ष, शाहीना मेनन-नगर पंचायत अध्यक्ष, बूट सिंह-सरपंच, शिवकुमार सवरिया-सरपंच, संतोष कुमार उइके, तेलदास-सरपंच, रमेश कुमार-सरपंच, संतोष कुमार दास-सरपंच, अवधेश कुमार-पार्षद, मुमताल अंसारी-पार्षद के खिलाफ भी जांच चल रही है।
बताया गया कि अधिकांश मामले 4 से 5 साल पुराने हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश के बाद कार्रवाई तेज हो गई है। माना जा रहा है कि अब जल्द से जल्द इन प्रकरणों की जांच के बाद कार्रवाई हो सकती है।

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