दम तोड़ती करोड़ो की सड़कों पर बार बार डॉमर, इमल्शन का मलहम लगाने में मशगूल राजस्व मन्त्री, चहेते ठेकेदारों और भागीदारों की आड़ में कब तक बचेंगे,ये पब्लिक है जो सब जानती है…..
कोरबा- एक बड़ा फेमस फिल्मी गाना है- यह पब्लिक है सब जानती है.अंदर क्या है बाहर क्या है सब पहचानती है… कोरबा की समझदार पब्लिक भी सब कुछ जानती और पहचानती है । 10 साल विधायक 5 साल सरकार में राजस्व मंत्री बनकर जो खेल जनता की भावनाओं के साथ मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने खेला उसे भला कोई कैसे भूल पाएगा.मंत्री बनने के बाद जनता से दूर-दूर रहने वाले जयसिंह अग्रवाल को कभी जनता से लगाव था ही नहीं. वोट बैंक की राजनीति करने वाले धन कुबेर मंत्री की नजर सिर्फ अपना लाभ कमाने में 15 साल तक रही. सड़क की आड़ में डामर का घोटाला करने वाले मंत्री की सच्चाई किसी से छुपी नहीं. शहर की जनता इनकी सड़कों पर थूक पॉलिश के रवैया से वाकिफ है।
15 साल में भी शहर के लोगों को एक माकूल और अच्छी सड़क वे दे नहीं पाए फोरलेन का तो बहाना है लेकिन पुरानी सड़कों पर बार-बार डामर और इमल्शन का लेप लगवा कर जनता के जख्मों पर एक्सपायरी डेट का मलहम लगाने जैसा काम है। जयसिंह अग्रवाल जनता को सुविधा दिलाने का नाटक भी कर रहे हैं और इसकी आड़ में सुविधाओं से वंचित भी करने से नहीं बाज आ रहे हैं।
समस्याओं से हर दिन दो-चार होकर जान हथेली पर लेकर शहर के भीतर और बाहर आवागमन करने वाली जनता किसी भी सड़क पर सुरक्षित नहीं है। आज बालको,सर्वमङ्गला, कुसमुंडा, गेवरा दीपका एसईसीएल प्रभावित इलाकों की बात करें या शहर के भीतर और इससे लगी हुई बस्तियां वार्डों की बात करें सब का हाल बेहाल है.कहीं भी कोई भी सड़क ठीक तरह से चलने के लायक नहीं है. सड़कों के नाम पर अपनी जेब भरने के लिए मशहूर विधायक पर जब आरोप लगने लगे तो उन्होंने रास्ता बदल दिया.अपने चाहते ठेकेदारों नातेदारों और रिश्तेदारों और दोस्तों को उपकृत कर उनके जरिए अपनी जेब लगातार भरते रहे. वक्त बे वक्त इनकी करगुजरिया और जनता के प्रति दिखावे की सोच तो सामने आती रही.अब इस बार कोरबा की जनता ने ठान लिया है 15 साल से दिख रहे इस चेहरे को बदलकर रखना है.बदलाव का इंतजार अपना वोट का बटन दबाकर करने के लिए मतदाता बेताब हैं.
बालको से राजस्व मंत्री की सांठगांठ का खामियाजा उस क्षेत्र की जनता भुगत रही है.बालको के खिलाफ कई बार चेतावनी और आंदोलन की दिखावे वाली धमकी के बीच राजस्व मंत्री का ठंडा रुख उनके सांठगांठ की कहानी को बयां करने के लिए काफी है.लेकिन स्थानीय विधायक और राजस्व मंत्री के नरम रुख का खामियाजा स्थानीय जनता को भुगतना पड़ रहा है। बालको से परसाभांठा, चेकपोस्ट होते हुए कोरबा की सड़क शहर विधायक व नगर निगम महापौर के आशीर्वाद और उनसे सांठ गांठ से देखने लायक है। जगह जगह राखड़ फिंकवाकर लोगो का जीवन संकट में डलवाया जा रहा है किसानों के खेत राखड़ में शामिल केमिकल के कारण खराब हो रहे हैं। राखड़ की ज्वलंत समस्या घटाने के बदले बढ़ाई जा रही है। रास्ते में धूल और डस्ट के वजह से चलना भी मुश्किल है। बालको से कोरबा जाने वाले हजारों लोग इस रास्ते से आना जाना करते है। उक्त राखड परिवहन का कार्य ठेका वर्ष 2018 से 21,22 तक लगभग विधायक जयसिंह के ही परिवार और उनके क़रीब के लोगों के पास रहा है।
आज पुरे कोरबा शहर व उपनगरीय क्षेत्र की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है सड़क किनारे राखड़, बड़ी बड़ी दैत्य आकार की ट्रको के कारण हमेशा रोड जाम,हर रोज़ सड़क दुघर्टना से त्रस्त लोग, ख़ास कर कुसमुंडा क्षेत्र व बालको नगर की आम जनता बहुत पीड़ित है। जानमाल की दहशत में आने-जाने की उसकी मजबूरी होती है।
आखिर कुसमुंडा से सर्वमंगला मंदिर तक सड़क का काम इन तीन वर्षों में अब तक पूरा क्यों नहीं हो सका और नहीं करने पर ठेकेदार पर अब तक कार्यवाही क्यों नहीं हो सका। रोचक बात यह भी है कि यह कार्य भी शहर के विधायक राजस्व मंत्री के परिवार व करीबी के फर्म का ही है। सड़क का गुस्सा तो इस चुनाव में फूटेगा ही।
अपनी कुर्सी खिसकती देखकर पूरे पंद्रह साल मस्त रहने वाले मंत्री जी को अब चुनाव के नजदीक आते ही कोरबा शहर की जनता का दुःख दर्द दिखाई देने लगा है। अब शहर की पुरानी सड़क के ऊपर जगह जगह डामर चढ़वाने लगे हैं।
नमस्कार
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