शमशान घाट में रखी गईं गायों की मौत, हिंदू संगठन ने जताई नाराजगी
थाने में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग

धरसींवा। राजधानी से सटे धरसींवा ब्लॉक के ग्राम पंचायत टांडा में शमशान घाट में रखी गई आधा दर्जन से अधिक गायों की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही हिंदू संगठन के सदस्य मौके पर पहुंचे और वहां कई मृत गायों को पाया। इस घटना को लेकर हिंदू संगठन के सदस्यों ने थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
घटना का विवरण
गौसेवा संगठन और हिंदू महासभा के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे तो उन्होंने पाया कि बिना पोस्टमार्टम के दो गायों का अंतिम संस्कार पहले ही कर दिया गया था। इसके अलावा चार अन्य गायें पहले से मृत पड़ी थीं और कुछ बीमार व कमजोर नजर आ रही थीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि शमशान घाट में इन गायों को बंद कर दिया गया था, लेकिन उनके खाने-पीने और बारिश से बचने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।
आक्रोशित संगठन
श्रीराम गौसेवा संगठन के मोहन सेन, हिंदू महासभा के प्रीतम साहू और अन्य गौसेवक घटना स्थल पर पहुंचे और प्रशासन की लापरवाही पर गहरी नाराजगी जताई। उनका कहना था कि गायों को शमशान में बंद कर दिया गया था, लेकिन उनके लिए टीन शेड तक की व्यवस्था नहीं थी, जिससे बारिश में उनकी मौत हो गई होगी।
पुलिस में शिकायत दर्ज
हिंदू संगठनों के सदस्यों ने धरसींवा थाने में शिकायत दर्ज कराई और बताया कि शमशान घाट में लगभग 60-70 गायें रखी गई थीं, जिनमें से 6 की मौत हो चुकी थी। जब संगठन के सदस्य मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने लगभग 20 मृत गायें पाईं। कई अन्य बीमार और घायल थीं। इसके बावजूद बिना पोस्टमार्टम के गायों का अंतिम संस्कार जेसीबी से कर दिया गया था, जिससे मामला दबाने की कोशिश की गई।
प्रशासनिक कार्रवाई और जांच
धरसींवा टीआई राजेंद्र दीवान ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं तहसीलदार जयेंद्र सिंह ने मौके पर पटवारी को भेजकर मामले की जांच के निर्देश दिए। यह भी बताया गया कि पिछले साल भी इसी स्थान पर आधा दर्जन गायों की मौत हो चुकी थी।