June 28, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
जहरीली गाय’ ने ली 5 बाघों की जान, जांच में हुआ खुलासा..अवैध रेत परिवहन पर कड़ी कार्रवाई, 2 हाइवा वाहन जप्तकृषि विभाग ने किया नि:शुल्क बीज वितरण, किसान उत्साहित, सोनहत क्षेत्र में मूँगफली और धान के बीजों का वितरणपांच मंदिरों में चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, चार आरोपी गिरफ्तारबालको नगर में निकली जगन्नाथ यात्रारथयात्रा महोत्सव में शामिल हुए राज्यपाल डेकाकवि डॉ. सुरेंद्र दुबे का अंतिम संस्कार : मारवाड़ी शमशान घाट पहुंचे भाजपा महामंत्री पवन साय और मंत्रिमंडल के सदस्यग्रामीणों ने बाइक चोरों को सबक सिखाने किया ऐसा सुलूक, रस्सी से बांध कर दी तालिबानी सजा…बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान हेतु उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारीछत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ ने पद्मश्री पं. सुरेंद्र दुबे को दी श्रद्धांजलि
छत्तीसगढ़

वन अधिकार पट्टे बांटने पर हाईकोर्ट का स्टे.कोर्ट ने स्वीकारी जनहित याचिका

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर/बिलासपुर। जंगल काट कर अपात्रों को बांटे जा रहे वन अधिकार पट्टों पर जांच, अपात्रों को बांटे गये पट्टो को निरस्त करने और बांटने पर रोक की मांग लेकर रायपुर निवासी नितिन सिंघवी द्वारा दायर की गई याचिका को स्वीकारते हुये वन अधिकार पट्टे बांटने पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मान. मुख्य न्यााधीश पी.आर. रामचन्द्रन मेनन तथा न्यायमूर्ति पी.पी.साहू की बंैच ने दो माह के लिये रोक लगा दी।
याचिका में बताया गया कि वन अधिकार पट्टा प्राप्त करने के लिये ग्रामीणों द्वारा वनों को काट कर वन अधिकार पट्टा प्राप्त किया जा रहा है और राज्य निष्क्रीयता रख रहा है।
कोर्ट को बताया गया है कि मान. सर्वोच्च न्यायालय मंे सीतानदी अभ्यारण्य में वन भैसों के ।संरक्षण के लिये मान. सर्वोच्च न्यायालय ने टी.एन.गोधावर्मन की याचिका पर वर्ष 2012 में वनभैसों का संरक्षण करने तथा वनों में से कब्जों को हटाने के आदेश दिये थे आदेश में आवश्यक होने पर वन क्षेत्रों में बांटे गए पट्टों को निरस्त करने के भी आदेश दिए गए थे। उन्हीं जंगलों में वनों की अवैध कटाई हो रही है।
कोर्ट ने कहा कि इन मुद्दांे पर सरकार द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। छत्तीसगढ़ वन विकास निगम ने भी किये गये कब्जों के संबंध में पत्र लिखा है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने भी वनों को हो रहे नुकसान को लेकर शीघ्र कार्यवाही करने की रिपोर्ट दी है।
कोर्ट ने आदेशित किया कि याचिका में उठाये गये मुद्दों पर शीघ्र सुनवाई आवश्यक है और वन अधिकार पत्रांे के वितरण पर दो माह की रोक लगाई गई तथा शासन को जवाब प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया।
वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार अगर कोई अनुसूचित जनजाति का 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व 10 एकड़ वनभूमि तक कब्जा था तो वह ही वह पट्टा प्राप्त करने की पात्रता रखेगा। जिसके लिये उसे प्रमाण प्रस्तुत करना पड़ेगा। इसी प्रकार अन्य परंपरागत वन निवासियों जो 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व वर्ष 1930 से वन क्षेत्रों में रह रहे हैं वे भी पट्टा प्राप्त करने के पात्र हांेगे।
याचिका मंे बताया गया कि छत्तीसगढ़ में सितम्बर 2018 तक 401551 पट्टे अनुसूचित जनजाति तथा अन्य परम्परागत वन निवासी को बांटे गये।
छत्तीसगढ़ में वनों का भाग लगभग 42 प्रतिशत है जिसमें से 3412 वर्ग कि.मी. जो कि कुल वन भू भाग का 6.14 प्रतिशत वन अधिकार पट्टे के रूप मंे बांटा गया।
निरस्त किये गये वन अधिकार पट्टों पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता। निरस्त किये गये वन अधिकार पट्टों पर पुनर्विचार के नाम पर अपात्रों को पट्टे बांटे जा रहे है। नवम्बर 2015 तक 497438 पट्टों के आवेदनों को निरस्त कर दिया गया था परंतु पुनर्विचार कर के मार्च 2018 तक निरस्त पट्टों की संख्या घटकर 455131 रह गई। जिन पट्टों के आवेदनों को निरस्त किया गया है वे कब्जाधारी अभी भी वन भूमि में काबिज है।
छत्तीसगढ़ वन विकास निगम लिमिटेड, कवर्धा परियोजना मण्डल के वन क्षेत्र में गूगल मैप के अनुसार वर्ष 2013 और वर्ष 2015 में घना जंगल था, जिसकी वन भूमि 21122 हेक्टर थी, जिसमें से 9.24 प्रतिशत अर्थात 1949 हेक्टर भूमि पर 1510 वन अधिकार पट्टे बांटे गये।
कक्ष क्र. पी.एफ. 498 पठरिया परिक्षेत्र, छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम लिमिटेड मंे गूगल अर्थ के अनुसार वर्ष 2015 तक घना जंगल था, अतिक्रमणकारियों के द्वारा कब्जा उसके बाद किया गया और 80 हेक्टर भूमि में 43 वन अधिकार पट्टे प्राप्त किये।
याचिकाकत्ता की तरफ से उदन्ती सीतानदी टाईगर रिजर्व में हो रही वनों की कटाई के फोटो प्रस्तुत करते हुये बताया गया कि पेड़ो की छाल को नीचे से काट कर उन्हें मार दिया जाता है। पेड़ो को जलाया जाता है। टाईगर रिजर्व क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के मकान बनाये गये है। वहां कई स्थानों में इंटे-भट्ठे कार्यरत है।

Related Articles

Check Also
Close