
सरायपाली/बिलासपुर। महासमुंद जिले के सरायपाली स्थित मातृ केयर नर्सिंग होम को बिना पूर्व सूचना के सील किए जाने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने अस्पताल को तत्काल Unseal करने का आदेश देते हुए स्वास्थ्य विभाग सहित संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
मामला मातृ केयर हॉस्पिटल के संचालक डॉ. शिबाशीष बेहरा से जुड़ा है, जिनके खिलाफ ग्राम छिंदपाली निवासी प्रशांत कुमार साहू ने थाना सरायपाली में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के मुताबिक, 10 अक्टूबर 2024 को प्रसूति के दौरान हुई सर्जरी में लापरवाही बरती गई, जिससे उनकी पत्नी को स्थायी विकलांगता हो गई।
शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO), महासमुंद ने जांच टीम गठित की थी, लेकिन जांच पूरी होने से पहले 28 जून 2024 को सरायपाली के अनुविभागीय दंडाधिकारी (SDM) द्वारा अस्पताल को सील कर दिया गया — वह भी बिना पूर्व सूचना या नोटिस के।
इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए डॉ. बेहरा ने अपने अधिवक्ताओं मतीन सिद्दीकी एवं अभ्युदय त्रिपाठी के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। 22 जुलाई 2025 को माननीय न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क रखा कि:
“छत्तीसगढ़ नर्सिंग होम व क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट 2010 के अनुसार किसी भी अस्पताल को सील करने से पहले लिखित सूचना देना अनिवार्य है, और SDM के पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है। यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है।”
इन दलीलों पर सहमति जताते हुए माननीय न्यायालय ने अस्पताल को तत्काल Unseal करने का आदेश जारी किया और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव, कलेक्टर महासमुंद, CMHO महासमुंद, SDM सरायपाली एवं शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
