जाने कैसा हो सकता है आपका बजट…
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को संसद में अपना पहला आम बजट पेश करेंगी। इसमें वह अर्थव्यवस्था में तेजी, किसानों की आय में बढ़ोतरी, सरकारी निवेश में बढ़ोतरी, रोजगार दिलाने और वेतनभोगियों को आयकर तथा विभिन्न मदों में छूट के जरिये खुश करने की कोशिश कर सकती हैं।
क्या हो सकता है बजट में जानें इससे जुड़ी 10 बातें
1- बजट में राजकोषीय स्थिति मजबूत करने के लिए कर दायरा बढ़ाने और अनुपालन बेहतर करने के इरादे से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों पर 40 प्रतिशत की एक नई दर से कर लगाया जा सकता है। सीतारमण के सामने उम्मीदों का पहाड़ है और उनके लिए सभी को खुश करने की चुनौती होगी।
2- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार के पहले बजट में स्वास्थ्य को लेकर अंतरिम बजट से बहुत ज्यादा बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। हालांकि, संचारी रोगों के लिए बजट में जरूर कोई घोषणा हो सकती है। पीयूष गोयल ने अपने अंतरिम बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 61398.12 करोड़ रुपये का आवंटन किया था, जिसमें बढ़ोतरी की ज्यादा गुंजाइश नहीं है।
3- स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, दुनियाभर के स्वास्थ्य जगत में चर्चा का केंद्र बनी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना यानी पीएमजेएवाई को अब बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं मिलेगी। अब इसकी गिनती भी स्वास्थ्य मंत्रालय की अन्य योजनाओं के तौर पर ही होगी। आयुष्मान भारत के एक अन्य हिस्से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए अंतरिम बजट में 1350 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। सूत्रों की मानें तो संचारी रोगों से निपटने के लिए इस आवंटन में इजाफा किया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय की सबसे बड़ी योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को अंतरिम बजट में 31745 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, इसमें बहुत ज्यादा परिवर्तन की उम्मीद नहीं है।
4- सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय के पास केरल और कर्नाटक समेत पांच राज्यों से नए एम्स के लिए प्रस्ताव आए हैं। संभव है कि इनमें से कुछ एम्स को बजट में मंजूरी दी जा सकती है। इससे पहले अंतरिम बजट में हरियाणा में एम्स की घोषणा की गई थी। देशभर में नए एम्स का निर्माण करने के लिए चल रही प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को पहले ही चार हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इससे अधिक की जरूरत को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मातहत आने वाली हायर एजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी यानी हीफा या जायका जैसी अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से कर्ज लेकर पूरा किया जाएगा।
5- अंतरिम बजट में शिक्षा क्षेत्र को भले ही कोई खास सौगात न मिली हो, लेकिन मुख्य बजट में उच्च शिक्षा संस्थानों में नियुक्तियों को लेकर कोई बड़ा ऐलान हो सकता है। जानकारों की मानें तो मुख्य बजट में शिक्षा के लिए आवंटन एक लाख करोड़ रुपये के नजदीक भी पहुंच सकता है। अंतरिम बजट में शिक्षा के लिए 93.84 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था।
6- देश के किसानों को इस बार आम बजट के पिटारे से कई सौगातें मिल सकती हैं। किसान क्रेडिट कार्ड पर एक लाख तक कर्ज को ब्याज मुक्त किया जा सकता है। क्रेडिट कार्ड का दायरा बढ़ाते हुए किसानों के अलावा मछुआरों, पशुपालकों को देने की व्यवस्था हो सकती है। गिरते भूजल को देखते हुए बजट में सिंचाई परियोजनाओं के लिए धन आवंटन बढ़ाया जा सकता है।
7- सूत्रों का कहना है कि आम बजट में सिंचाई परियोजनाओं के लिए पर्याप्त बजट का प्रबंधन किया जा सकता है। पिछले साल बजट में 99 सिंचाई परियोजनाओं के लिए धन का आवंटन किया गया। हालांकि इसमें से 50 फीसदी सिंचाई परियोजनाएं पूरी हो सकती है। माइक्रो सिंचाई के इंतजाम बजट में किए जाएंगे।
8- एक लाख तक किसान क्रेडिट कार्ड को एक साल तक के लिए ब्याज मुक्त करने की संभावना है। वर्तमान में एक लाख पर समय पर पैसा अदा करने पर 4 फीसदी देरी होने पर 7 फीसदी ब्याज दर देनी होती है। पीएम सम्मान निधि योजना में सालाना 6 हजार रुपये की राशि को बढ़ाकर 8 हजार रुपये करने की बात हो रही है। हालांकि जानकारों का कहा है कि इस साल शुरू हुई उक्त योजना को सही लागू करने में थोड़ा वक्त लगेगा। इसलिए सरकार राशि बढ़ाने का फैसला बाद में कर सकती है।
9- वैश्विक स्तर पर नरमी और मानसून की चिंता के बीच एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शुक्रवार को पेश किया जाएगा। बजट में राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के साथ आर्थिक वृद्धि तथा रोजगार सृजन को गति देने पर सरकार का जोर रह सकता है। राजकोषीय स्थिति मजबूत करने के लिए कर दायरा बढ़ाने और अनुपालन बेहतर करने के इरादे से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों पर 40 प्रतिशत की एक नई दर से कर लगाया जा सकता है। नौकरीपेशा लोगों के लिए महत्वपूर्ण आयकर के मोर्चे पर टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। 2019-20 के अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट देने की घोषणा की गई थी। फिलहाल 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत, 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से ऊपर आय पर कर की दर 30 प्रतिशत है।
10- यह बजट वैश्विक आर्थिक नरमी और मौसम विभाग के देश के कुछ भागों में बारिश सामान्य से कम रहने की आशंकाओं के बीच आ रहा है। पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 तक गिर गई। चालू वित्त वर्ष के दौरान इसे फिर से सात प्रतिशत से ऊपर पहुंचाने का दारोमदार बजट पर होगा।
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