June 30, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
मुंबई एयरपोर्ट पर चॉकलेट के डिब्बों में छिपाकर विदेशी और दुर्लभ सांपों की तस्करी करते हुए युवक गिरफ्तारकोरबा पुलिस की कार्रवाई: थाना बांगो में पुलिसकर्मियों पर हमले के आरोप में चार गिरफ्तारमुंगेली: दोस्तों ने युवक को काट-डाला…सीने पर किए 15 वार, हाथ-पैर बांधकर नदी में फेंकाछत्तीसगढ़ के वित्तीय प्रबंधन में वित्त अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका: वित्त मंत्री ओपी चौधरीमंत्री रामविचार नेताम ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से नागपुर में की सौजन्य मुलाकातकोरबा की माटी का गौरव, जनसेवा के पुरोधा डॉ. बंशीलाल महतो की जयंती आज — संघर्ष, सेवा और सादगी के प्रतीक को कोरबा सहित पूरे प्रदेश ने किया नमन”उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही: नौ मजदूर लापता, राहत कार्य जारीपुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़, तीन की मौतपीएम मोदी ने दिया ‘खाने में 10% तेल कम करो, मोटापा घटाओ’ का नाराबिलाईगढ़ विधायक पर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला गरमाया, कड़ी कार्रवाई की मांग
छत्तीसगढ़

सुपेबेड़ा में 250 से अधिक किडनी मरीज, 14 साल में 68 मौतें पर ये बोले स्वास्थ्य मंत्री

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। साल 2005 में ही सुपेबेड़ा में मौतों का सिलसिला शुरू हुई,जो जारी है। सितंबर 2019 में एक, अक्टूबर में दूसरी मौत हुई और आंकड़ा बढ़कर 68 जा पहुंचा हैं। भाजपा कार्यकाल में भी हंगामा मचा, कांग्रेस के कार्यालय में भी बबाल मचा हुआ है। राज्यपाल अनुसईया उइके ने जब से सुपेबेड़ा जाने की बात कही है तो मामला और गरमा गया है। बहरहाल मरीजों के मिलना का सिलसिला जारी है। अभी भी यहां पर 250 से अधिक मरीज हैं। राज्यपाल के दौरे के ठीक 24 घंटे पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने विभागीय अफसरों, एम्स निदेशक, विशेषज्ञों के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस ली। जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा कि बीमारी है, जिसे पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है।
कोई एक ठोक कारण नहीं है, न ही हम नतीजे तक पहुंच पाए हैं। कारण का पता लगाया जा रहा है। मरीजों के इलाज की संपूर्ण व्यवस्था है। मगर एक सवाल के जवाब में उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि साधन-संसाधनों की कमी है। तेल नदी से पानी लाने, शुद्धिकरण में वक्त लगेगा। कम से कम एक साल।
बतां दें कि सालभर पहले विपक्ष में बैठी कांग्रेस सुपेबेड़ा में मौतों को लेकर हमलावर थी। स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी कहा कि वे केंद्र के संस्थानों की मदद ले रहे हैं लेकिन सीधे केंद्र सरकार से अभी कोई मदद नहीं ली गई है। वे कहते हैं कि अभी इमरजेंसी (आपातकाल) जैसी स्थिति नहीं है।
ये हो सकते हैं मौतों के प्रमुख तीन बड़े कारण-
पहला- पानी
सुपेबेड़ा में मौत की बड़ी वजहों में से एक है पानी। 2017 में आइसीएमआर जबलपुर और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर की मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट में इस बात का जिक्र था कि पानी में हेवी मेटल पाए गए हैं। क्रोमियम, कैडिमियम और भी। वहीं पीएचई की रिपोर्ट में पानी में फ्लोराइड, आरसेनिक की मात्रा ज्यादा मिली।
दूसरा- अनुवांशिक बीमारी
– विभाग की सचिव निहारिका बारीक, एम्स रायपुर के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर के मुताबिक किडनी की बीमारी अनुवांशिक होती है। यह जांच का विषय है कि आखिर कितने ऐसे परिवार हैं जिनमें हिस्ट्री इस बात को पुख्ता करती है कि पूर्व में मौतें किडनी फ्लोयर की वजह से हुईं।
तीसरा- ओडिशा की शराब
– स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात को स्वीकार किया है कि ओडिशा से सटे इस क्षेत्र के नागरिक ओडिशा की शराब पीते हैं। जिसमें यूरिया पाया गया है। इस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है। बतां दें कि ओडीसा के कुछ क्षेत्रों जो सुपेबेड़ा से सटे हैं, वहां भी किडनी की बीमारी से मौतें रिपोर्ट हैं।
सरकार किडनी की मौत के लिए फिलहाल पानी को जिम्मेदार मान रही। यही वजह है कि तेल नदी का पानी गांव तक लाने, उसमें वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की बात कही जा रही है। इसमें दो करोड़ का खर्च आएगा। लेकिन पानी पहुंचाने में सालभर तो लगेगा।
राज्यपाल अनुसुईया उइके रायपुर से मंगलवार को सुपेबेड़ा के लिए उड़ान भरेंगी। उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव,स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक होंगी। राज्यपाल ने जब सुपेबेड़ा जाने की बात कही, यह भी कहा कि वे केंद्र को रिपोर्ट देंगी। इसके बाद से राज्य में राजनीति गरमाई हुई है।अब देखना यह अहम होगा कि राज्यपाल दौरे के बाद क्या कहती हैं? उनका दौरा अहम है।

Related Articles

Check Also
Close