छत्तीसगढ़

पंडित रविशंकर शुक्ल नगर में संपन्न हुआ हरितालिका व्रत कथा।

कोरबा   हरतालिका तीज का व्रत पंडित रविशंकर शुक्ल नगर कोरबा में आचार्य पंडित कांति कुमार दुबे के सानिध्य में मारुति नंदन हनुमान मंदिर में शुभ योगों के संयोग में मनाई गई।

अपने सुहाग की रक्षा के लिए महिलाएं हर साल हरतालिका तीज का व्रत रखती है। और इसी मंदिर प्रांगण में बड़े ही उत्साह के साथ पूजा अर्चना किया जाता है।

धार्मिक दृष्टि से ये व्रत भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि पर रखा जाता है। हरतालिका तीज पर इस साल शुक्ल योग के साथ रवि योग, हस्त नक्षत्र व चित्रा नक्षत्र का संयोग रहा है। महिलाएं निर्जला व्रत रख सुख व सौभाग्य की कामना करते हुए पूजा सुबह और शाम रात तक की गई ।

शास्त्रों में स्पष्ट अंकित है कि चतुर्थी सहिताय यातु सातृतीया फलप्रदा: अर्थात चतुर्थी युक्त तृतीया तिथि में पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां पार्वती ने भी हरतालिका तीज का व्रत किया था। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा 16 श्रृंगार का सामान, अगरबत्ती, धूप, दीप, शुद्ध घी, पान, कपूर, सुपारी, नारियल, चंदन, फल, फूल के साथ आम, केला, बेल व शमी के पत्ते से किया गया।

हरतालिका तीज व्रत की कथा का पाठ रात्रि जागरण कर भजन कीर्तन किया गया। फिर आरती के बाद श्रद्धा के साथ शिव पार्वती को भोग लगाकर प्रेमलता दुबे द्वारा उपस्थित महिलाओं को भोग प्रसाद के साथ सुहाग सामग्री देकर सभी उपस्थित जन के सुहाग की लंबी आयु के साथ अखंड शौभाग्य वती की कामना करते हुए मां पार्वती भगवान भोले नाथ से क्षमा याचना किया गया।

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