हार्दिक पांड्या और राहुल का निलंबन हटा, हो सकती है टीम इंडिया में वापसी
नई दिल्ली। भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और बल्लेबाज लोकेश राहुल पर एक टीवी चैट शो में महिलाओं पर अमर्यादित टिप्पणी करने को लेकर लगा निलंबन गुरुवार को तत्काल प्रभाव से हटा लिया गया, जिसके बाद समझा जाता है कि पांड्या न्यूजीलैंड में सीमित ओवरों की सीरीज के लिए भारतीय टीम के साथ जुड़ सकते हैं।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का संचालन देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने आज एक बयान जारी कर यह जानकारी देते हुए बताया कि लोकपाल की नियुक्ति और इस मामले में उनका फैसला आने तक दोनों क्रिकेटरों पर लगा निलंबन हटाया जाता है, जिससे उनकी राष्ट्रीय टीम में वापसी का रास्ता साफ़ हो गया है।
बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने हाल में सीओए को पत्र लिख कर कहा था कि दोनों क्रिकेटरों के खिलाफ जांच पूरी होने तक उनका निलंबन हटाया जाए और उन्हें खेलने का मौका दिया जाए। समझा जाता है कि यह निलंबन हटने के बाद पांड्या न्यूजीलैंड में सीमित ओवरों की सीरीज के लिए भारतीय टीम के साथ जुड़ सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि करण जौहर के टीवी शो कॉफी विद करण में महिलाओं पर अमर्यादित टिप्पणी करने के बाद पांड्या और राहुल को ऑस्ट्रेलिया दौरे से वापस भारत भेज दिया गया था और दोनों को जांच पूरी होने तक किसी भी तरह की क्रिकेट गतिविधि से निलंबित कर दिया गया था।
सीओए के बयान के अनुसार दोनों खिलाड़ियों पर लगा निलंबन तत्काल प्रभाव से हटा लिया गया है। निलंबन हटाने के बाद दोनों खिलाड़ी क्रिकेट गतिविधियों में हिस्सा ले सकेंगे। सीओए ने गत 11 जनवरी को बीसीसीआई संविधान के नियम 41(6) का इस्तेमाल करते हुए पांड्या और राहुल को मामले की सुनवाई पूरी होने तक निलंबित कर दिया था।
सीओए ने कहा, बीसीसीआई के साथ पंजीकृत किसी भी क्रिकेटर पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाने के बाद उसके खिलाफ अंतिम फैसला करने का अधिकार बीसीसीआई के लोकपाल के पास है जिसकी नियुक्ति उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को लेकर लंबित पड़ी है। सीओए का मानना है कि 11 जनवरी के आदेश से जारी किया गया निलंबन तत्काल प्रभाव से हटा लिया जाए।
सीओए ने कहा, यह मामला और फैसला सलाहकार पीएस नरसिम्हा के साथ विचार विमर्श करने के बाद लिया गया है। दोनों खिलाड़ियों पर लगा निलंबन बीसीसीआई लोकपाल की नियुक्ति और उनका फैसला आने तक तत्काल प्रभाव से हटाया जाता है।
बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने हाल में सीओए और बोर्ड अधिकारियों को पत्र लिख कर कहा था, बीसीसीआई ऑस्ट्रेलिया दौरे से दोनों क्रिकेटरों को स्वदेश बुलाकर और उन्हें क्रिकेट गतिविधियों से पूरी तरह निलंबित कर दण्डित कर चुका है। मेरा सीओए और बोर्ड पदाधिकारियों से आग्रह है कि इस मुद्दे को प्राथमिकता आधार पर सुलझाने के लिए बैठक बुलाई जाए और इस मामले पर चर्चा की जाए।
कार्यवाहक अध्यक्ष ने कहा था, पांड्या और राहुल ने जो किया वह बेहद अनुचित और गलत था लेकिन मेरी निजी राय में उनके साथ कानून तोड़ने वाला जैसा व्यवहार किया जाना भी एक गलती है। उन्होंने गलती की जिसके लिए उन्हें पहले ही निलंबित किया जा चुका है और उन्हें ऑस्ट्रेलिया में सीरीज से वापिस बुला लिया गया था।
खन्ना ने साथ ही कहा था, दोनों क्रिकेटर बिना शर्त माफ़ी मांग चुके हैं। भारतीय क्रिकेट के हितों के मद्देनजर उनके मैदान के बाहर के इस अशोभनीय आचरण को तत्काल सुधारने पर ध्यान दिया जाना चाहिए लेकिन उनके करियर को अधर में नहीं लटकाना चाहिए। मेरा सुझाव है कि इस मामले में जांच पूरी होने तक दोनों भारतीय क्रिकेटरों को तत्काल भारतीय टीम में शामिल किया जाना चाहिए।
सीओए की सदस्या डायना इडुल्जी चाहती थी कि इन दोनों क्रिकेटरों के भाग्य का फैसला करने में बीसीसीआई के किसी अधिकारी को शामिल होना चाहिए लेकिन सीओए प्रमुख विनोद राय ने उनका सुझाव नामंजूर कर दिया था क्योंकि यह बोर्ड के संविधान का उल्लंघन होता।
पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली ने भी कहा था कि यह आगे बढ़ने का समय है क्योंकि दोनों ने अपनी गलतियों से सबक लिया होगा। विवादास्पद साक्षात्कार करने वाले करण जौहर ने भी इन दोनों का निलंबन हटाने का आग्रह किया था।
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