छत्तीसगढ़

बिलासपुर में रास डांडिया का भव्य आयोजन: प्रिंस भाटिया और उनकी टीम ने रचा इतिहास, 4 दिन और चलेगा उत्सव

 

 

 

बिलासपुर, 8 अक्टूबर 2024 — शहर का सबसे प्रतिष्ठित सांस्कृतिक आयोजन, रास डांडिया, फाउंडेशन एकेडमी रिंग रोड पर पूरे उत्साह के साथ जारी है। इस भव्य आयोजन के पीछे प्रिंस भाटिया और उनकी टीम की महीनों की कड़ी मेहनत और समर्पण है। आयोजन की शुरुआत 5 दिन पहले हुई थी, और अब यह शानदार उत्सव 4 दिन और चलेगा, जिसमें शहर के लोग उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं।

प्रिंस भाटिया और उनका परिवार हर साल इस आयोजन को नई भव्यता और अनुशासन के साथ प्रस्तुत करता है, और इस बार भी उन्होंने अपने प्रयासों से इसे सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। आयोजन स्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, और सुरक्षा कर्मियों का विनम्र और कुशल व्यवहार लोगों के लिए एक मिसाल बन गया है। शासन की गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करते हुए, यह आयोजन भव्य और सुरक्षित तरीके से आगे बढ़ रहा है।

श्रद्धालु और उत्सव प्रेमी बड़ी संख्या में इस आयोजन में भाग ले रहे हैं, जिसमें श्रद्धा, विश्वास, और अनुशासन का अद्भुत मिश्रण देखने को मिल रहा है। फाउंडेशन एकेडमी के सौजन्य से आयोजित यह रास डांडिया बिलासपुर की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बन चुका है। हर साल इसे और बेहतर बनाने का प्रयास किया जाता है, और इस बार भी प्रिंस भाटिया और उनकी टीम ने इस आयोजन को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।

पहले 5 दिनों के दौरान, भारी भीड़ और जबरदस्त उत्साह ने आयोजन स्थल को जीवंत बना दिया है। सभी आयु वर्ग के लोग इस डांडिया उत्सव का हिस्सा बन रहे हैं और अपनी पारंपरिक वेशभूषा और जोश के साथ इसमें हिस्सा ले रहे हैं। आने वाले 4 दिनों तक यह उत्सव और भी बड़े पैमाने पर मनाया जाएगा, जिसमें शहर के प्रमुख लोगों के अलावा दूर-दूर से आए प्रतिभागी भी हिस्सा लेंगे।

यह रास डांडिया न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव है, बल्कि यह बिलासपुर की सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं को संजोने का प्रतीक है। प्रिंस भाटिया और उनकी टीम का यह निरंतर प्रयास उन्हें शहर के प्रमुख आयोजकों में स्थान दिलाता है। इस आयोजन को सफल बनाने में उन्होंने जो मेहनत की है, वह पूरे शहर के लिए गर्व की बात है।

आगामी चार दिनों में भी लोगों के लिए आकर्षक कार्यक्रम और आयोजन होंगे, जो इस रास डांडिया को और भी रोमांचक और यादगार बनाएंगे। माँ महामाया का आशीर्वाद इस आयोजन और इसे सफल बनाने वाली पूरी टीम पर बना रहे।

बिलासपुर, 8 अक्टूबर 2024 — शहर का सबसे प्रतिष्ठित सांस्कृतिक आयोजन, रास डांडिया, फाउंडेशन एकेडमी रिंग रोड पर पूरे उत्साह के साथ जारी है। इस भव्य आयोजन के पीछे प्रिंस भाटिया और उनकी टीम की महीनों की कड़ी मेहनत और समर्पण है। आयोजन की शुरुआत 5 दिन पहले हुई थी, और अब यह शानदार उत्सव 4 दिन और चलेगा, जिसमें शहर के लोग उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं।

 

प्रिंस भाटिया और उनका परिवार हर साल इस आयोजन को नई भव्यता और अनुशासन के साथ प्रस्तुत करता है, और इस बार भी उन्होंने अपने प्रयासों से इसे सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। आयोजन स्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, और सुरक्षा कर्मियों का विनम्र और कुशल व्यवहार लोगों के लिए एक मिसाल बन गया है। शासन की गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करते हुए, यह आयोजन भव्य और सुरक्षित तरीके से आगे बढ़ रहा है।

 

श्रद्धालु और उत्सव प्रेमी बड़ी संख्या में इस आयोजन में भाग ले रहे हैं, जिसमें श्रद्धा, विश्वास, और अनुशासन का अद्भुत मिश्रण देखने को मिल रहा है। फाउंडेशन एकेडमी के सौजन्य से आयोजित यह रास डांडिया बिलासपुर की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बन चुका है। हर साल इसे और बेहतर बनाने का प्रयास किया जाता है, और इस बार भी प्रिंस भाटिया और उनकी टीम ने इस आयोजन को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।

 

पहले 5 दिनों के दौरान, भारी भीड़ और जबरदस्त उत्साह ने आयोजन स्थल को जीवंत बना दिया है। सभी आयु वर्ग के लोग इस डांडिया उत्सव का हिस्सा बन रहे हैं और अपनी पारंपरिक वेशभूषा और जोश के साथ इसमें हिस्सा ले रहे हैं। आने वाले 4 दिनों तक यह उत्सव और भी बड़े पैमाने पर मनाया जाएगा, जिसमें शहर के प्रमुख लोगों के अलावा दूर-दूर से आए प्रतिभागी भी हिस्सा लेंगे।

 

यह रास डांडिया न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव है, बल्कि यह बिलासपुर की सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं को संजोने का प्रतीक है। प्रिंस भाटिया और उनकी टीम का यह निरंतर प्रयास उन्हें शहर के प्रमुख आयोजकों में स्थान दिलाता है। इस आयोजन को सफल बनाने में उन्होंने जो मेहनत की है, वह पूरे शहर के लिए गर्व की बात है।

 

आगामी चार दिनों में भी लोगों के लिए आकर्षक कार्यक्रम और आयोजन होंगे, जो इस रास डांडिया को और भी रोमांचक और यादगार बनाएंगे। माँ महामाया का आशीर्वाद इस आयोजन और इसे सफल बनाने वाली पूरी टीम पर बना रहे।

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