June 27, 2025 |

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Gram Yatra Chhattisgarh
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राजनांदगांव । खुबसूरत जरबेरा के फूलों की रंगत और उनकी बिखरी हुई मोहक छटा देखकर ऐसे लगेगा जैसे आप कुछ देर के लिए फूलों के किसी शहर में पहुंच गए हों। फूलों से गुलजार यह बगिया है, डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम कोलिहापुरी के किसान गिरीश देवांगन का। जहां उन्होंने अपने पॉली हाऊस में विभिन्न किस्म के जरबेरा के फूल लगाए हैं। विविध सुर्ख लाल, गुलाबी, नारंगी, पीले, सफेद फूलों की यह रंग- बिरंगी क्यारी अद्भुत है। जिले में विदेशी फूल जरबेरा की खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ा है। जरबेरा के फूलों के लिए आबो-हवा, नमी, तापमान को ध्यान रखते हुए यहां बेहतरीन खेती की जा रही है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत पॉली हाऊस के लिए 16 लाख 88 हजार रूपए अनुदान दिया गया है, साथ ही जरबेरा की खेती के लिए 14 लाख रूपए का अनुदान दिया गया है। उद्यानिकी विभाग द्वारा कुल 30 लाख 88 हजार रूपए का अनुदान दिया गया। फूलों की खेती, धान या अन्य फसलों की अपेक्षा फायदेमंद हैं। इन फूलों की मार्केट में बहुत डिमांड है। यहां के फूल नागपुर, रायपुर और राजनांदगांव भेजे जा रहे हैं। फ्लावर डेकोरेशन, शादी, त्यौहार, उत्सव, विभिन्न आयोजनों में फूलों की मांग रहती है। यहां जरबेरा की वेरायटी अंकुर, दून, सिल्वेस्टर, दानाएलन, व्हाइट हाऊस एवं फोब्र्स लगाई है। जरबेरा 4-5 रूपए प्रति स्टिक बिक्री हो रही है। किसान गिरीश देवांगन ने बताया कि एक एकड़ भूमि पर जरबेरा की खेती से सालाना 20 से 25 लाख रूपए तक का मुनाफा हो रहा है। यह फसल 6 वर्ष के लिए होती है।

सुपरवाईजर राजकुमार साहू ने बताया कि यहां फूलों की खेती को देखकर बहुत अच्छा महसूस हो रहा है और इसकी देखरेख का कार्य करने के लिए स्थानीय स्तर पर महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध हुआ है। फूलों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए पैकेजिंग भी की जा रही है तथा स्प्रिंकलर से सिंचाई की जा रही है। गौरतलब है कि शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसान उद्यानिकी फसल ले रहे हैं और फ्लोरीकल्चर को अपना रहे हंै। किसान खेती की नवीनतम पद्धति को अपनाने की दिशा में अग्रसर हैं। कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देशन में जिले में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए विशेष तौर पर कार्य किया जा रहा है। सहायक संचालक उद्यानिकी  राजेश शर्मा ने बताया कि किसानों का उद्यानिकी फसलों में रूझान बढ़ा है। विभाग द्वारा किसान की गिरीश देवांगन को 30 लाख 88 हजार रूपए का अनुदान दिया गया है। उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि हमारे अन्य किसान भी फूलों की खेती करें। विभाग द्वारा शेडनेट एवं पॉलीनेट के लिए समय-समय पर अनुदान दिया जाता है। अभी कृषकों के लगभग 20 हजार वर्ग मीटर के आवेदन आए हैं। आने वाले समय में लक्ष्य की पूति करने का प्रयास करेंगे तथा राजनांदगांव जिले को फूलों की खेती के लिए आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करेंगे।

 

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