February 24, 2025 |

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छत्तीसगढ़

5 साल डीएमएफ में ऐसी बंदरबांट मचाई, देनी पड़ रही ईडी के शिकंजे से बचने की दुहाई, भाभीजी के चुनाव प्रचार में खुलकर सामने आने से भाग रहे है देवर जी पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह…

Gram Yatra Chhattisgarh
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कोरबा। जहां पांच साल सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत उड़न छू रहीं, ऐन लोकसभा चुनाव के वक्त उनकी ताकत बनने की बजाय कोरबा में सबसे कद्दावर कांग्रेसी कहे जाने वाले जयसिंह अग्रवाल खुद ही नदारद चल रहे हैं। दरसल इसके पीछे पूर्व राजस्व मंत्री के अपने ही कर्म आड़े आ रहे हैं, जो उन्हें अपनी प्रेरणामयी भाभीजी के प्रति राजनीति का धर्म निभाने से रोक रहे हैं। डीएमएफ में पांच बरस के कांग्रेस शासनकाल में भाभीजी की शह पर देवरजी ने ऐसी बंदरबांट मचाई है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता के पावर की बत्ती गुल होते ही उनके पीछे ईडी का 440 वोल्ट का करंट कभी भी पड़ सकता है। जानकारों की मानें तो यही एक बड़ी वजह है जो घोटालों में लिप्त होने और ईडी की कार्यवाही की जद में आ जाने के डर से पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल खुलकर अपनी सांसद मैडम के लिए मैदान में आकर चुनाव प्रचार करने से भागते फिर रहे हैं।

वैसे तो डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (DMF) भारत में खान और खनिज विकास विनियमन संशोधन अधिनियम, 2015 के तहत स्थापित एक गैर-लाभकारी निकाय के रूप में स्थापित एक ट्रस्ट है। जिसे खनन प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की विकासात्मक जरूरतों के लिए लाया गया था। पर इन जैसे मौका परस्त नेताओं ने गरीब और जरूरतमंद लोगों के हित के लिए गठित न्यास को अपनी दुकानदारी का सबसे बड़ा अड्डा बना लिया। पांच कांग्रेस की सरकार में जैसे डीएमएफ के बहाने लूट की खुली छूट दे दी गई। आलम यह रहा कि घोटाले का दायरा 500 करोड़ से लेकर एक हजार करोड़ तक फैले होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। भले ही महंत परिवार खुद को पाक साफ बताते आ रहा है पर कोरबा के सांसद होने के नाते भाभीजी की भूमिका भी संदेह के दायरे में आना लाजमी है। उधर कोरबा शहर के नगर सेठ तो जैसे अब दिन गिन रहे हैं कि किस घड़ी ईडी उनके रेल पटरी की जमीन पर काबिज बंगले में दस्तक दे और फिर सारी जिंदगी की नेकनामी के साथ राम नाम सत्य की शोभायात्रा निकल पड़े। डीएमएफ में अजगर बनकर गरीब मजलूम जनता के हक को मिलकर महल खड़े करने वाले, तिजोरियां भरने वालों की पोल यूं ही परत द परत खुलेगी और सिलसिलेवार इसे जानने लिए आप भी बने रहे ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ न्यूज नेटवर्क के साथ।

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खुद सांसद मैडम ने माना, भ्रष्टाचार हुए पर उन्होंने नहीं किए

हाल ही में दिए एक साक्षात्कार में स्वयं कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत भी स्वीकार करती सुनी जा सकती हैं। वे कह रही हैं कि “घोटाले हुए होंगे पर हम पर (महंत परिवार) कोई एक रुपए का भी लांछन नही लगा सकता।” पर सांसद मैडम की ये बात अगर मान भी लेते हैं तो इस सवाल का जवाब कौन देगा कि जब गरीब बेसहारा जनता के हक पर डाका पड़ रहा था तो उसी जनता के वोटों से चुनकर संसद गईं उनकी हमदर्द बनी फिर रहीं श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत क्या कर रही थी। क्योंकि अपराधी केवल अपराध करने वाला ही नहीं, उसे छुपाने वाला भी होता है। ऐसे में “हमने कुछ नहीं किया” कहकर सांसद मैडम यूं बचकर नहीं निकल सकती, क्योंकि जनता को जवाब देने का वक्त तो अब शुरू हो चुका है। अपने कर्म हर कोई जानता है। इन पांच साल में कोरबा शहर विधायक व छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने क्या कुछ किया वे बखूबी समझ रहे हैं।
इस लिए अपने प्रेरणा और भाभी मां के चुनाव में खुलेआम करने से बचें हुए हैं। डर है कि कहीं विपक्ष इनके करनी को उजागर ना कर दे और डीएमएफ समेत अन्य अवैध तरीके से कमाई हुई दौलत से हाथ ना धोनी पड़े। पर जनता है जो सब जानती है।

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चार विधानसभाएं और दो खिलाड़ी, ठेके पर ठेके उठाए और खूब बटोरी दौलत

डीएमएफ का कांसेप्ट ही ऐसा है कि गैर लाभकारी कार्यों से उन्हें लाभ मिले, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। इसमें खनन प्रभावित वह क्षेत्र शामिल कर विकसित और सुविधा संपन्न किया जाना था, जहां रह रहे लोग दशकों से प्रदूषण, विस्थापन, शिक्षा, सेहत और रोजगार की समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसमें खदानों के 25 किलोमीटर के सबसे करीब के दायरे को बफर जोन घोषित किया गया था। पर इस बफर जोन में राहत के कोई कार्य करने की बजाय शहर के उन क्षेत्रों में ठेके पर ठेके निकलते रहे, जहां उन स्ट्रक्चर की कोई दरकार नहीं थी और कांग्रेस की सरकार बांटती रही। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल और उनके वर्धस्त ठेकेदार चांदी काटते रहे और मजलूम जनता अपने दिन फिरने केवल इंतजार करती रह गई। सूत्रों की मानें तो चारों विधानसभा के विधायको की भूमिका भी सवाल खड़े कर रही है। पर इस खेल के रचनाकार दो खिलाड़ी हैं, जिनमें हमारे नगर
सेठ और उनकी प्रिय मैडम। जिनके इशारे पर इस पूरे खेल में 500 से 1000 करोड़ का खेला किया है। यह आज भी ईडी के जांच के दायरे में है। कोरबा विधानसभा के पूर्व विधायक और छत्तीसगढ़ के पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल शायद इन्हीं कारणों से लोकसभा चुनावों से अपनी दूरी बनाए हुए है।और महंत परिवार भी उनके इस निर्णय में उनके साथ साथ हैं अब आप समझ सकते हैं इनका रिश्ता क्या है।

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