February 23, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
अज्ञात वाहन की ठोकर से घायल हुआ तेंदुआ, गरियाबंद में चल रहा इलाज…रेखा गुप्ता ने पीएम मोदी से की मुलाकातनारायणपुर की शानदार उपलब्धि, नीति आयोग ने दिया 10 करोड़ का पुरस्कारसक्ती जिले मे त्रिस्तरीय पंचायत चुनावबागेश्वर धाम में कैंसर हॉस्पिटल का शिलान्यासछत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित इलाके की पंचायतों में वोटिंग के लिए उमड़े मतदातामहामुकाबले से पहले पाकिस्तान के मुख्य कोच ने जताया तेज गेंदबाजों की तिकड़ी पर भरोसा, कही ये बातभिलाई के 7 लोग एमपी में हादसे का शिकार, नर्स की मौतचैंपियंस ट्रॉफी 2025: भारत-पाकिस्तान मुकाबले में भारत की मजबूत स्थिति, पाकिस्तान दबाव मेंबिजली कटौती, 4 इलाकों में पड़ेगा असर
छत्तीसगढ़

शासकीय आदर्श महाविद्यालय जावंगा में शुरू होगी फाइन आर्ट की कक्षाएं

शास्त्रीय संगीत, नृत्य से लेकर चित्र एवं मूर्तिकला में दी जाएगी स्नातक उपाधि

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

दंतेवाड़ा । जिला कार्यालय से प्राप्त सूत्रों के अनुसार राज्य शासन द्वारा राज्य में संचालित शासकीय महाविद्यालयों में सत्र 2024-25 से स्ववित्तीय योजना, जनभागीदारी मद अंतर्गत नवीन विषय, संकाय, कक्षा प्रारंभ करने हेतु अनुमति प्रदान की गई है। इस क्रम में जिले के शासकीय आदर्श महाविद्यालय जावंगा में प्रस्तावित नवीन संकाय प्रारंभ करने के तहत बैचलर परफॉर्मिंग आर्ट्स (बी.पी.ए.) एवं बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (बी.एफ.ए.) की कक्षाएं प्रारंभ होगी।

बैचलर परफॉर्मिंग आर्ट्स के अन्तर्गत स्वर संगीत, (हिन्दुस्तानी) तबला, कथक, भरतनाट्यम एवं लोक संगीत तथा बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स में चित्रकला, मूर्तिकला, ग्राफिक्स, जैसे फाइन आर्ट से संबंधित विषयों पर अध्ययन कराया जायेगा। इसके लिए दोनों संकायों में 30-30 सीटे निर्धारित रहेगीं। राज्य शासन द्वारा कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति कुछ शर्तों के अधीन प्रदाय की गई है। इसके अनुसार स्ववित्तीय योजना, जनभागीदारी मद के अंतर्गत उक्त विषय, संकाय कक्षा का संचालन शैक्षणिक सत्र 2024-25 से किया जावेगा। तथा शैक्षणिक, अशैक्षणिक कर्मचारियों की एवं लाइब्रेरी, फर्नीचर तथा उपकरण, कम्प्यूटर आदि की व्यवस्था संस्था को अपने स्वयं के स्रोतों से वहन करना होगा।

इसके लिए किसी प्रकार का वित्तीय भार शासन द्वारा वहन नहीं किया जाएगा, अर्थात राज्य शासन द्वारा भविष्य में किसी प्रकार का आवर्ती तथा अनावर्ती व्यय हेतु कोई भी अनुदान नहीं दिया जावेगा। शिक्षकों की नियुक्ति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता के आधार पर शासन के निर्धारित मापदंड पर की जावेगी। उक्त विषय, संकाय प्रारंभ करने पर आय-व्यय के लेखों का सत्यापन विभागीय अंकेक्षण दल, चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा कराया जाकर प्रतिवर्ष उच्च शिक्षा संचालनालय को अपना प्रतिवेदन सौंपना होगा। महाविद्यालय द्वारा उक्त प्रस्तावित नवीन विषय,संकाय कक्षा का संचालन संबंधित विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त करने के उपरांत ही किया जावेगा। संबद्धता प्राप्त करने की जिम्मेदारी संबंधित प्राचार्य की होगी।

उल्लेखनीय है कि पूर्व वर्षो में दक्षिण बस्तर के महाविद्यालयों में फाइन आर्ट के संबंधित कक्षाओं की सुविधा न होने के कारण इस क्षेत्र में रूचि रखने वाले स्थानीय छात्रों को अन्यत्र नगरों में स्थापित महाविद्यालयों का रुख करना पड़ता था। परन्तु फाइन आर्ट की कक्षाएं स्थानीय महाविद्यालय मे प्रारंभ करने के शासन के निर्णय से स्थानीय छात्र विशेष तौर पर लाभान्वित होगें।

 

ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close