March 12, 2025 |

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चंद घंटे पहले पैदा हुई मासूम को नाले में छोड़ा, कड़कड़ाती ठंड में बदन पड़ चुका था ठंडा और…

बच्ची की स्थिति देख डॉक्टर ने उसकी डिलीवरी शनिवार की सुबह करीब 10-11 बजे के बीच होने की पुष्टि की है

Gram Yatra Chhattisgarh
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कोरबा :असंवेदनशीलता की हद तब टूट गई जब कडक़ड़ाती ठंड में एक मां ने नवजात बेटी को । बच्ची की स्थिति देख डॉक्टर ने उसकी डिलीवरी शनिवार की सुबह करीब 10-11 बजे के बीच होने की पुष्टि की है। जब बच्ची को जिला हॉस्पिटल लाया गया, तब उसकी हालत नाजुक थी। क्योंकि पैदा होने के बाद बच्ची को मां ने दूध भी नहीं पिलाया था जिसके कारण उसका शुगर लेवल डाउन हो गया और शरीर पूरी तरह से ठंडा पड़ गया था।
आइटी कोरबा के सामने स्थित हिमाद्री केमिकल के पीछे जंगल में वन विभाग की बाउण्ड्री वाल निर्माण पुताई का कार्य चल रहा है। शनिवार दोपहर करीब 3.30 बजे वनरक्षक तीरथ राम यादव कार्यों के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। इस बीच उन्हें बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। आवाज का पीछा करते वे बांसबाड़ी में नाली के पास पहुंचा जहां उन्हें कपड़े में लिपटी हुई बच्ची दिखी। उनकी सूचना पर वनअमला हरकत में आया और 112 पर फोन किया। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और बच्ची को करीब पांच बजे जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया। इलाज शुरू कर सूचना बाल कल्याण समिति को दी गई।
शरीर पड़ गया था ठंडा, सात माह में हुई डिलीवरी
अस्पताल पहुंचते-पहुंंचते नवजात बच्ची का शरीर पूरी तरह से ठंडा पड़ गया था। अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. आरपीएस पैंकरा ने इलाज शुरू किया। बच्ची को बेबी वार्मर में रखा गया। देर शाम को बच्ची को खतरे से बाहर होने की सूचना दी। हालांकि बच्ची को प्रीमेच्योर बताया है उसकी डिलीवरी सात माह में हुई है। जिसका वजन मात्र 1.63 किग्रा है।
जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. आरपीएस पैंकरा ने बताया कि बच्ची फिलहाल खतरे से बाहर है, लेकिन जब लाया गया तब शरीर पूरी तरह से ठंडा पड़ चुका था। डिलिवरी शनिवार की सुबह ही हुई है। एसएनसीयू वार्ड में इलाज जारी है। शिशु रोग विशेषज्ञ की मदद ली जा रही है।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मधु पांडे ने बताया कि पुलिस के माध्यम से सूचना मिली कि एक नवजात बच्ची को जंगल में फेंक दिया गया है। तत्काल बच्ची देखने पहुंची, फिलहाल उसकी स्थिति ठीक है। शिशु कल्याण केन्द्र को भी सूचना दी गई है। आगे की वैधानिक कार्यवाही जारी है।

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