March 15, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
सीडी कांड में CBI ने लगाई रिवीजन याचिका, पूर्व सीएम की मुश्किलें बढ़ीं…राज्यपाल को मुख्यमंत्री ने दी होली की शुभकामनाएंतहसीलदार की कार्रवाई से परेशान किसान ने जहर पिया, हालत नाजुकबालको की उन्नति से जुड़ी स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बनाया हर्बल गुलालमहिला समूहों का हुनर, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदमभालुओं के हमले में सफाई कर्मी घायल, राहगीरों ने पहुँचाया अस्पतालस्वरोजगार योजनांतर्गत सहायता से संचिता ने पैतृक व्यवसाय को दी नई दिशाअंधविश्वास एवं सामाजिक कुरीतियों का होगा प्रतीकात्मक होलिका-दहनसमूह की महिलाओं ने कलेक्ट्रेट मे लगाए हर्बल गुलाल क़ा स्टॉलस्वच्छता दीदियों को कचरा प्रबंधन के संबंध में दिया गया प्रशिक्षण
नेशनल

नहीं रहे हरित क्रांति के जनक, महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का 98 साल की उम्र में निधन

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

नई दिल्ली। हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का निधन हो गया है। स्वामीनाथन को फादर ऑफ ग्रीन रिवॉल्यूशन भी कहा जाता है। वैज्ञानिक का निधन 98 साल की उम्र में लंबे समय से बीमार रहने के चलते हुआ। हरित क्रांति की वजह से कई राज्यों में कृषि उत्पादों में इजाफा हुआ था।

लंबे समय से थे बीमार

वैज्ञानिक स्वामीनाथन (MS Swaminathan Death) का निधन 98 साल की उम्र में लंबे समय से बीमार रहने के चलते हुआ। एम एस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के सूत्रों ने बताया कि मशहूर कृषि वैज्ञानिक का काफी समय से उम्र संबंधी बीमारी का इलाज किया जा रहा था। स्वामीनाथन अपने पीछे तीन बेटियों को छोड़ गए हैं।

धान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका

स्वामीनाथन ने देश में धान की फसल को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने धान की अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में बड़ा योगदान दिया था। इस पहल के चलते पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों को काफी मदद मिली थी। 

संभाले थे कई प्रमुख पद

स्वामीनाथन अपने कार्यकाल के दौरान कई प्रमुख पदों पर काबिज रहे थे। वो भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का निदेशक (1961-1972), आईसीआर के महानिदेशक और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव (1972-79),  कृषि मंत्रालय के प्रधान सचिव (1979-80) नियुक्त किया गया था।

स्वामीनाथन को 1987 में प्रथन खाद्य पुरस्कार दिया गया था। वो पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण तक से सम्मानित हो चुके हैं।

ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close