September 1, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
खेत की बाड़ी में थैले में मिला नवजात, चींटियों और कीड़ों ने काटा…ग्रामीणों में मचा हड़कंपपति की मौत के दूसरे दिन पत्नी ने भी दम तोड़ दियाबस्तर दौरे पर सीएम साय: हवाई सर्वे के बाद राहत कार्यों की करेंगे समीक्षा…पुजारी की हत्या का राजफाश एक नाबालिग समेत 5 आरोपी गिरफ्तार, वजह जानकर रह जाएंगे दंगआज छत्तीसगढ़ के कई जिलों में होगी जमकर बारिश, मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए जारी किया ऑरेंज अलर्टश्रम मंत्री श्रम विभाग की समीक्षा बैठक लेगेंपशु चिकित्सा शिविर में मवेशियों को लम्फी बीमारी से बचाव हेतु टीकाकरणलागोस इंटरनेशनल क्लासिक्स में आकर्शी कश्यप ने जीता रजत पदक, एनटीपीसी कोरबा का मिला समर्थनहिमालय अभियान पर निकली जशपुर की युवा टीम…हार्ट अटैक मरीजों को अब चिंता नहीं : कोरबा के एमजीएम हॉस्पिटल में थ्रॉम्बोलिसिस से बच रही जानें, 24 घंटे उपलब्ध आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएँ
छत्तीसगढ़

किसान 31 जुलाई तक अपनी फसलों का करा सकते हैं बीमा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

कोरबा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मौसम खरीफ वर्ष 2024 में कृषकों को बीमा आवरण में शामिल होने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसल हेतु सिंचित व असिंचित धान, मक्का, अरहर, मूंग, मूंगफली, कोदो, कुटकी, अरहर (तुअर) फसल का बीमा कराया जा रहा है। इन फसलों का ओलावृष्टि, बेमौसम बारिश, भूस्खलन, जल भराव, बादल फटने, आकाशीय बिजली जैसे प्राकृतिक आपदाओं, कीट एवं रोगों के परिणाम स्वरूप अधिसूचित फसलों के नष्ट होने की स्थिति में किसानों को बीमा का लाभ दिया जाएगा।

उपसंचालक कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त योजना के तहत ऋणी कृषक तथा गैर ऋणी कृषक (भूधारक व बटाईदार) शामिल हो सकते है। साथ ही जिले के ऐसे कृषक जिन्होंने खरीफ वर्ष 2023 फसल के लिए वित्तीय संस्थानों से मौसमी कृषि ऋण की सीमा कृषकों के आवेदन-प्रस्ताव प्राप्त करने की अंतिम तिथि या उसके पूर्व स्वीकृत नवीनीकृत की गई हो। वे अनिवार्य आधार पर योजना में शामिल होंगे। ऐसे किसानों को एक ही अधिसूचित क्षेत्र एवं अधिसूचित फसल के लिए अलग-अलग वित्तीय संस्थानों से कृषि ऋण स्वीकृत होने की स्थिति में एक ही वित्तीय संस्थान से बीमा करवाना होगा एवं इसकी सूचना संबंधित बैंक को देनी होगी । इसी प्रकार गैर ऋणी कृषक जो स्वैच्छिक आधार पर अधिसूचित फसल उगाते हैं। अथवा योजना में शामिल होने को इच्छुक हों, वे सभी क्षेत्रीय पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा सत्यापित क्षेत्र बुआई पुष्टि प्रमाणपत्र तथा अन्य अनिवार्य दस्तावेज प्रस्तुत कर योजना में सम्मिलित हो सकते है। ऐसे किसान को सुनिश्चित करना होगा कि उसे कृषि योग्य भूमि पर कृषि किये जाने के लिए प्रस्तावित अधिसूचित फसल हेतु एकल स्रोत से ही बीमा आच्छादन प्राप्त कर रहे है। उन्हें एक ही रकबे हेतु एक से अधिक बार बीमा कराने की अनुमति नहीं होगी। एक ही रकबा का दुगुना बीमा करने की स्थिति में बीमा कंपनी के पास ऐसे सभी आवेदनों को निरस्त करने का अधिकार होगा। साथ ही ऐसे कृषकों का प्रीमियम वापस किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना क्रियान्वयन हेतु एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड, चयनित बीमा कंपनी है। कंपनी के जोखिमों की आच्छादन एवं अपवर्जन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की संशोधित मार्गदर्शिका में वर्णित सभी प्रकार के जोखिम के लिए बीमा आवरण उपलब्ध होगा। जिसके अंतर्गत बाधित बोआई अथवा रोपण जोखिम में बीमाकृत क्षेत्र में कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमी दशाओं के कारण बोआई, रोपण या अंकुरण न होने से हुई नुकसान से सुरक्षा प्रदान करेगा । इसी प्रकार स्थानीयकृत आपदाएं के अंतर्गत अधिसूचित क्षेत्र में फसल को प्रभावित करने वाली ओलावृष्टि, जल भराव (धान फसल को छोड़कर) बादल का फटना और प्राकृतिक आकाशीय बिजली से व्यक्तिगत आधार पर अभिचिन्हित स्थानीयकृत जोखिमों से होने वाले क्षति से सुरक्षा प्रदान करेगा। फसल कटाई के उपरांत सुखाने अथवा छोटे बंडलों में बांध कर रखे हुए फसल को अधिकतम दो सप्ताह तक चक्रवात, चक्रवातीय वर्षा एवं बेमौसमी वर्षा से होने वाले क्षति से सुरक्षा प्रदान करेगा। युद्ध, नाभिकीय जोखिमों से होने वाली हानियों, दुर्भावना-जनित क्षतियों और अन्य निवारणीय जोखिमों को इसमें शामिल नहीं किया गया है।

खरीफ फसल के लिए कृषक द्वारा देय प्रीमियम बीमित राशि का 2 प्रतिशत है। मक्का के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 36 हजार और किसान द्वारा देय प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 720 रूपये है। इसी प्रकार धान सिंचित के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 60 हजार व किसान द्वारा देय प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 1200 रूपये, धान असिंचित के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 43 हजार व किसान द्वारा देय प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 860 रूपये, मूंग के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 22 हजार रूपए व किसान द्वारा प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 440 रूपए, उड़द के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 22 हजार व देय प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 440 रूपये, अरहर के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 35 हजार रुपए देय प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 700 रूपये, कोदो के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 16 हजार व किसान द्वारा देय प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 320 रूपए, मूंगफली के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 42 हजार व देय प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 840 रूपये एवं रागी (मड़वा)  के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 15 हजार व किसान द्वारा देय प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 300 रूपए निर्धारित है।

योजनांतर्गत ऋणी कृषक अनिवार्य रूप से एवं अऋणी कृषक ऐच्छिक रूप से लाभ ले सकते हैं। पंजीकरण के लिए अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 नियत है। पंजीयन हेतु कृषक बी-वन खसरा, वन पट्टा, ऋण पुस्तिका की छायाप्रति, आवेदन पत्र, बैंक पास बुक, आधार कार्ड की छायाप्रति, बोवाई प्रमाण पत्र (ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी/पटवारी द्वारा प्रमाणित) जैसे अनिवार्य दस्तावेजों के साथ अपने नजदीकी बैंक शाखा, प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समिति, लोक सेवा केंद्र, बीमा कंपनी या पोस्ट ऑफिस के माध्यम से अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। किसान अधिक जानकारी हेतु विकासखण्डों में संचालित कृषि कार्यालयों से संपर्क कर सकते हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close