July 30, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
महिला अधिकारी ने डीएमसी के खिलाफ की थी झूठी शिकायत ! प्रशासन की जांच में आरोप पाए गए गलत, किसके शह पर बिछाए गए थे मोहरे पढ़िए पूरी रिपोर्ट…शोक समाचार :  पत्रकार एवं छत्तीसगढ़ अखबार वितरक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद सिन्हा नहीं रहेONC BAR पर प्रशासन की चुप्पी पर उठा विवाद, विश्व हिंदू परिषद ने जताई नाराज़गीबिलासपुर कलेक्टर की अनुकरणीय पहल – पशु व जनहित में सराहनीय कदमसीएम साय ने किया ‘गौ विज्ञान परीक्षा अभियान 2025’ का शुभारंभग्रीन उद्यम की परिकल्पना को साकार करने साय सरकार दे रही विशेष पैकेज: उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगनबालको महिला मंडल ने धूमधाम से मनाया तीज महोत्सव“जब कोई साथ नहीं होता… तब ‘आगाज़ इंडिया’ साथ होता है” ‘आख़िरी सफर’ — एक संवेदनशील और मानवीय पहलकोरबा मेडिकल कॉलेज में अब ‘सफाई घोटाला’ ! एक माह का टेंडर बना 6 माह का, अपात्र फर्म को काम देने की तैयारी, 100 की जगह 200 सफाईकर्मी करने की साज़िश ?रायगढ़-रायपुर NH में बिखरे मिले मवेशियों के शव तेज रफ्तार ने ली 18 गायों की जान
छत्तीसगढ़

लखमा के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने चौथा पूरक चालान पेश किया

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ सोमवार को ईओडब्ल्यू ने चौथा पूरक चालान पेश किया। विशेष कोर्ट में 1100 पन्नों का चालान पेश किया गया। इस चार्जशीट में पूर्व आबकारी मंत्री लखमा को शराब घोटाले से बतौर कमिशन मिला 64 करोड़ रुपये मिलने की बात कही गई है।

चार्जशीट में एसीबी ने बताया है कि कवासी लखमा वर्ष 2019 से 2023 के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार में आबकारी मंत्री रहे। जांच में साक्ष्यों और वित्तीय विश्लेषण से यह निर्विवाद रूप से सिद्ध हुआ है कि कवासी लखमा, जो एक उत्तरदायित्वपूर्ण संवैधानिक पद पर आसीन थे, उन्होंने न केवल अपने कर्तव्यों की घोर उपेक्षा की, बल्कि मंत्री पद की शक्तियों का उपयोग कर नीतिगत निर्णयों में हस्तक्षेप, अधिकारियों की पदस्थापना में प्रभाव, टेंडर प्रक्रियाओं में विकृति और नगद लेन-देन की एक समानांतर व्यवस्था स्थापित कर पूरे विभागीय तंत्र को भ्रष्टाचार के माध्यम से संचालित किया गया।

लखमा के संरक्षण में अधकारियों ने दिया घोटाले को अंजाम

ACB ने अपने चार्जशीट में कहा है कि, मंत्री के संरक्षण में विभागीय अधिकारियों, सहयोगियों और ठेकेदारों के माध्यम से सुनियोजित घोटाले को अंजाम दिया गया। कमिशन के रूप में अर्जित राशि को अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक हितों के लिए उपयोग कर भारी मात्रा में असम्यक लाभ अर्जित किया गया। एसीबी ने स्पेशल कोर्ट को बताया कि अब तक की विवेचना में कवासी लखमा को 64 करोड रुपये आबकारी घोटाले के फलस्वरूप उनके हिस्से में प्राप्त होना प्रमाणित हुआ है। जिसमें 18 करोड़ रुपये के अवैध धन राशि के निवेश- खर्च संबंधी दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close