November 22, 2024 |

NEWS FLASH

Latest News
अब तक 96 हजार क्विंटल धान की खरीदीमंत्री दयालदास बघेल ने केन्द्रीय खाद्य मंत्री प्रहलाद जोशी से दिल्ली में की मुलाकातकलेक्टर ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाली माहिला खिलाडियों को किया सम्मानितकलेक्टर की संवेदनशीलता से 24 घण्टे के अंदर पीड़ित श्रमिक को मिला न्यायकोरबा में राखड़ उड़ाते 150 वाहनों पर 12.91 लाख का जुर्मानामुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्मबिलासपुर में सरकंडा थाना प्रभारी तोप सिंह नवरंग को तहसीलदार को पीटना पड़ा भारी, 50 से अधिक तहसीलदारों ने कलेक्टर और आईजी ऑफिस घेराश्रमिकों के लिए महंगाई भत्ता में वृद्धि, श्रम विभाग ने जारी किया संशोधित आदेशविकास के लिए महत्वपूर्ण कारक है सुशासन : ओपी चौधरीक्या बीजेपी नेता नूतन राजवाड़े ने सरकारी जमीन पर कब्जे के बाद अब पेट्रोल-डीजल में की चोरी?
छत्तीसगढ़

400 बुनकरों को रोजगार, महिलाएं हो रही है आत्मनिर्भर

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

दुर्ग । ग्रामोद्योग विभाग के हाथकरघा प्रभाग द्वारा दुर्ग जिले की 10 बुनकर सहकारी समितियों के माध्यम से 400 बुनकरों को बुनाई कार्य से सतत रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। 400 बुनकरों में से 310 महिलाएं बुनाई कार्य से आत्मनिर्भर हो रही है। जिले के बुनकरों द्वारा शाला गणवेश शार्टिंग, ट्युनिक सुटिंग, चादर, बस्ता क्लाथ आदि 50 से 55 हजार मीटर प्रतिमाह वस्त्रों का उत्पादन कर छ.ग. राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित रायपुर को प्रदाय एवं खुले बाजार मंे विक्रय किये जाते है। बुनकरों को बुनाई कार्य से 250 से 400 रूपए का निरंतर आमदनी हो रही है।

सहायक संचालक हाथकरघा दुर्ग से प्राप्त जानकारी अनुसार दुर्ग जिला बुनकर सहकारी समिति दुर्ग के 20, महिला हाथकरघा बुनकर सहकारी समिति दुर्ग के 34, महामाया बुनकर सहकारी समिति पाटन के 143, नागेश्वरी बुनकर सहकारी समिति नगपुरा के 60, जय चण्डी बुनकर सहकारी समिति असोगा के 60, शिवांशी बुनकर सहकारी समिति पाटन बघेरा के 15, आस्था बुनकर सहकारी समिति पाटन के 20, मां परमेश्वरी बुनकर सहकारी समिति रवेलीडीह के 20, महात्मा गांधी बुनकर सहकारी समिति अहिवारा के 05 एवं जय चण्डी बुनकर सहकारी समिति विनायकपुर के 23 इस प्रकार कुल 400 बुनकरों द्वारा बुनाई व्यवसाय से रोजगार किया जा रहा है। पूर्व में देवांगन समाज द्वारा ही बुनाई का परम्परागत कार्य किया जाता था। वर्तमान में देवांगन समाज के अतिरिक्त अन्य समाज के विशेषकर महिलाओं द्वारा इस परम्परागत बुनाई कला को अपना कर लाभान्वित एवं आत्मनिर्भर हो रही है। छ.ग. शासन ग्रामाद्योग विभाग द्वारा परम्परागत बुनाई कला को जिवंत रखने अधिक से अधिक हितग्राहियों को रोजगार उपलब्ध करने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में बुनकरों के घरों पर ही रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ हाथकरघा प्रभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से बुनकरों को लाभान्वित किया जा रहा है। शहरी स्तर की कुछ पंजीकृत बुनकर समितियां अकार्यशील होने का कारण शहर में उद्योग धंधे एवं कारखाने स्थापित होने से शहरी क्षेत्र में बुनाई से अधिक आय का बेहतर रोजगार उपलब्ध हो जाता है। बुनाई कार्य में श्रम व कौशलता दोनांे की आवश्यकता होती है। इसलिए शहरी क्षेत्र की युवा पीढ़ी बुनाई रोजगार में रूचि नही लेते। किंतु ग्रामीण क्षेत्र में हाथकरघा बुनाई सें रोजगार का बहुत ही अच्छा साधन है। अकार्यशील बुनकर समितियों को कार्यशील करने का प्रयास किया जा रहा है।

 

 

ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़

 

नमस्कार

मैंने भारत को समृद्धि एवं शक्तिशाली बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली है।
आप भी भाजपा सदस्य बन विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं।

https://narendramodi.in/bjpsadasyata2024/VUXFHF

#BJPSadasyata2024

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close