शिक्षाकर्मियों को बना दिया नवनिर्वाचित विधायकों का पीए
लिपकीय कर्मचारियों को पांच साल के लिए पीए के रूप में नियुक्त किया जाता है।
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में विधायकों के पीए की नियुक्ति में प्रशासन की मनमानी खुलकर सामने आ गई है। बिलासपुर जिले के जिन तीन विधायकों के लिए पीए की नियुक्ति की गई है उनमें तीनों ही शिक्षाकर्मी हैं।
विधानसभा चुनाव के बाद नवनिर्वाचित विधायकों को शासकीय व कार्यालयीन कामकाज के लिए राज्य शासन द्वारा पीए (निज सहायकों) की सुविधा मुहैया कराई जाती है। इसके लिए शासकीय व कार्यालयीन कामकाज के जानकारों की ही नियुक्ति की जाती है। शासन के निर्देशोंं पर गौर करें तो लिपकीय कामकाज करने वाले कर्मचारियों को पांच साल के लिए पीए के रूप में नियुक्ति किया जाता है।
चुनाव होने की स्थिति में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जैसे ही आचार संहिता लागू की जाती है पीए को उनके मूल विभाग में वापस बुला लिया जाता है। वर्तमान विधायकों का पीए लिपकों के बजाय शिक्षाकर्मियों को बना दिया है। जानकारी के अनुसार बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय, तखतपुर की विधायक रश्मि सिंह और बेलतरा के विधायक रजनीश सिंह के पीए के रूप में शिक्षाकर्मियों की तैनाती की है। चर्चा तो इस बात की भी है कि विधायकों की ओर से पीए नियुक्ति के संबंध में जिला प्रशासन को अभी पत्र भी नहीं लिखा गया है। इधर जल्दबाजी का आलम ये कि विधायकों की तरफ से डिमांड आए इसके पहले ही निज सहायकों की नियुक्ति कर दी है।
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