December 22, 2024 |

NEWS FLASH

Latest News
मुख्यमंत्री से वालीबॉल संघ के पदाधिकारियों ने की मुलाकातराजधानी के जैन मंदिर में 10 लाख के आभूषण की चोरीपैरावंट में लगी आग ,7 साल का मासूम की मौतपुलिस भर्ती में गड़बड़ी मामला : 4 पुलिसकर्मियों समेत 6 आरोपी गिरफ्तारमहिला डिजिटल अरेस्ट से बचीIED ब्लास्ट : 3 नक्सली गिरफ्तार, कब्जे से 3 किलो की IED, प्रेशर बम और विस्फोटक बरामदखेल-खेल में बच्चे सीख रहे गणित की जटिल आकृति, सिद्धांत और प्रमेयदिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ तक कांग्रेस केवल धक्कामुक्की और धमकीबाजी कर रही है:किरण देवप्रधानमंत्री मोदी पहुंचे कुवैत, 43 वर्षों में किसी भारतीय पीएम का पहला दौरासुशासन के एक वर्ष पूर्ण होने पर नगर सेना द्वारा वृहद सफाई अभियान चलाया गया
छत्तीसगढ़

ED का बड़ा खुलासा: ऐसे दिया गया करोड़ों के शराब घोटाले को अंजाम…

अनवर-अरुणपति को रिमांड पर लेकर ईडी ने फिर शुरू की जांच

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान हुए 2100 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फिर से शुरू कर दी है। इस बार ईडी राज्य की एजेंसी एसीबी-ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मामले की जांच कर रही है। इस सिलसिले में, ईडी ने मामले के दो प्रमुख आरोपी अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। कोर्ट ने दोनों को 14 अगस्त तक ईडी की हिरासत में रखने का आदेश दिया है।

ईडी की जांच के मुख्य बिंदु
ईडी ने छत्तीसगढ़ में हुए इस शराब घोटाले के संबंध में तीन प्रमुख तरीकों का खुलासा किया है, जिनके माध्यम से शराब की खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार किया गया।

रिश्वतखोरी: सीएसएमसीएल (छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड) द्वारा डिस्टिलर्स से खरीदी गई शराब के प्रत्येक मामले में रिश्वत ली गई।

बेहिसाब शराब की बिक्री: प्रदेश की सरकारी शराब दुकानों से कच्ची देशी शराब की बेहिसाब बिक्री की गई, जिससे राज्य के खजाने में एक भी रुपया नहीं पहुंचा। इस अवैध बिक्री से होने वाली आय सिंडिकेट की जेब में गई।
कमिशन का खेल: डिस्टिलर्स से कमीशन लिया गया ताकि उन्हें कार्टेल बनाने और बाजार में निश्चित हिस्सेदारी की अनुमति मिल सके। इसके साथ ही FL-10A लाइसेंस धारकों से भी कमीशन लिया गया।

आरोपियों की भूमिका
ईडी की जांच में पता चला है कि अनवर ढेबर, जो इस घोटाले का मुख्य सूत्रधार माना जा रहा है, ने आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा के साथ मिलकर शराब सिंडिकेट का संचालन किया। इन दोनों ने मिलकर पूरे घोटाले की योजना बनाई और अनिल टुटेजा के प्रभाव का उपयोग करते हुए अनवर ढेबर ने अपने पसंदीदा अधिकारियों को आबकारी विभाग में तैनात करवाया। ईडी के अनुसार, अनवर ढेबर ने एक तरह से खुद को “आबकारी मंत्री” के रूप में स्थापित कर लिया था और सरकारी दुकानों से अवैध शराब बेचने का घोटाला किया।

दूसरे आरोपी, अरुणपति त्रिपाठी, ने सीएसएमसीएल के माध्यम से बेहिसाब शराब की बिक्री की योजना को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 15 प्रमुख राजस्व देने वाले जिलों के जिला उत्पाद शुल्क प्रमुखों के साथ बैठक कर अवैध शराब की बिक्री को अंजाम दिया। उन्होंने डुप्लिकेट होलोग्राम की आपूर्ति के लिए भी व्यवस्था की।

ईडी की कार्रवाई
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया है और दोनों को 14 अगस्त तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया है। ईडी ने इस मामले में छत्तीसगढ़ राज्य में आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत एसीबी/ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है।

छत्तीसगढ़ के इस बड़े घोटाले की जांच से जुड़े ये खुलासे राज्य में एक बार फिर राजनीतिक हलचल मचा सकते हैं। ईडी की जांच जारी है और आने वाले दिनों में और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आने की संभावना है।

 

ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़

 

नमस्कार

मैंने भारत को समृद्धि एवं शक्तिशाली बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली है।
आप भी भाजपा सदस्य बन विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं।

https://narendramodi.in/bjpsadasyata2024/VUXFHF

#BJPSadasyata2024

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close