August 6, 2025 |

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EMD में छूट नहीं, ePBG में दोहरी चाल – टेंडर बना गोपाल कंवर का ‘खास पैकेज’ ! घोटाले की फिर शुरुआत?लाखेनगर मैदान में गणेश मूर्तियों की दुकानें लगाने के निर्देशकोरबा जेल से फरार दो बंदी रायगढ़ में गिरफ्तारमंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने चित्रकोट जलप्रपात के अद्भुत सौंदर्य का लिया आनंदस्कूल जा रही छात्रा के साथ रेप, परिचित युवक गिरफ्तारडिप्टी रेंजर को मालवाहक ने रौंदा, मौतकलेक्टर ने जनदर्शन में सुनी लोगों की समस्याएंसरकार की 100 यूनिट तक ‘हाफ बिजली बिल योजना’ पर भड़के दीपक बैज, कहा- जनता के साथ लूटकांवड़ पर सिस्टम: उफनती नदी बनी बाधा, ग्रामीणों ने कांवड़ से गर्भवती को एंबुलेंस तक पहुंचायास्वास्थ मंत्री जायसवाल ने कोण्डागांव व फरसगांव में चिकित्सालयों का किया निरीक्षण
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EMD में छूट नहीं, ePBG में दोहरी चाल – टेंडर बना गोपाल कंवर का ‘खास पैकेज’ ! घोटाले की फिर शुरुआत?

Gram Yatra Chhattisgarh
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कोरबा | ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़
स्व. बिसाहू दास महंत मेमोरियल गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज असोसिएटेड हॉस्पिटल के नाम पर GeM पर जारी टेंडर (GEM/2025/B/6430573) में एक बार फिर एमएस डॉ. गोपाल कंवर की “नियोजित लीला” उजागर हो गई है। दस्तावेजों में स्पष्ट विरोधाभास, नियमों की अनदेखी और चहेते सप्लायर को लाभ पहुंचाने की साजिश की बू साफ-साफ आ रही है। राज्य सरकार के “सुशासन” के दावों को ठेंगा दिखाते हुए, मेडिकल कॉलेज से जुड़ी एक नई टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी के संकेत सामने आए हैं। यह टेंडर 3 नग इंटरएक्टिव पैनल्स विद CPU की आपूर्ति के लिए निकाला गया है, उसमें ईएमडी (EMD) को लेकर बड़ा विरोधाभास सामने आया है। इस टेंडर में बिड डिटेल्स में e PBG केवल 0.01% (1200 रुपये ) दर्शाई गई है, जबकि एडिशनल टर्म्स एंड कंडीशन्स (ATC) में इसे 2% तक दर्शाया गया है। जानकारों का मानना है कि यह विरोधाभास किसी ‘चहेते सप्लायर’ को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर किया गया बदलाव हो सकता है।


EMD में नहीं दी छूट – जब मिलनी चाहिए थी

  • टेंडर की अनुमानित राशि 12 लाख से भी कम है
  • GeM की नीति कहती है कि ऐसे टेंडर में MSME को EMD से छूट मिलती है
  • पर यहां स्पष्ट रूप से छूट नकार दी गई

मतलब, MSME और स्टार्टअप्स को बाहर का रास्ता, ताकि सिर्फ वही बिडर बचे जिसे एमएस डॉ. गोपाल कंवर पहले से सेट करके बैठा था।


ATC में छुपा 2% का जहर – ePBG में जानबूझकर भारी शर्त

  • बिड डिटेल्स में ePBG मात्र 0.01% दिखाया गया है (GeM नियम के अनुसार)
  • लेकिन ATC में 2% डालकर छोटे ठेकेदारों की कमर तोड़ दी गई

मतलब, फॉर्मल दिखाने को हल्का EMD… और फाइनल सेलेक्शन में बड़ा झटका, ताकि जिसे एमएस डॉ. गोपाल कंवर चाहता है वही टेंडर ले जाए।


कॉलेज की जरूरत बताकर निकाला टेंडर – खेल पूरा एमएस ऑफिस से

  • टेंडर को कॉलेज की जरूरत बताकर निकाला गया, लेकिन निकाला अस्पताल से
  • पर पूरा नियंत्रण MS डॉ. गोपाल कंवर के ऑफिस से
  • और रिपोर्टिंग ऑफिसर ? फिर से डॉ. राकेश वर्मा !
  • वही जो पहले भी Consignee फाइलों में बार-बार आते रहे हैं

मतलब, नाम बदल-बदलकर स्क्रिप्ट वही… किरदार वही… और फायदा भी उन्हीं को।


GeM नियमों की धज्जियाँ उड़ाईं

विषयGeM नीतिटेंडर में स्थिति
EMD छूट₹50 लाख से कम में MSE को छूट❌ नहीं दी गई
ePBG0.01% स्वीकार्य❌ ATC में 2%
Traders पर रोककेवल ट्रेडर्स को छूट नहीं❌ सबको बाहर किया
Transparencyटेंडर सभी के लिए खुला हो❌ नियम Tailor-Made बनाए गए

अब जनता पूछेगी – एमएस डॉ. गोपाल कंवर कौन है जो हर बार नियम तोड़ता है ?

✅ एमएस डॉ. गोपाल कंवर कौन होता है जो ATC में मनमर्जी से 2% जोड़ देता है?
✅ एमएस डॉ. गोपाल कंवर कौन होता है जो MSME को बाहर कर देता है?
✅ एमएस डॉ. गोपाल कंवर कौन होता है जो वही ऑफिसर डॉ राकेश हर फाइल में फिट करता है?
✅ एमएस डॉ. गोपाल कंवर कौन है जो पब्लिक के टैक्स से कॉलेज के नाम पर खेल करता है ?

  1. इस टेंडर को तत्काल रद्द किया जाए
  2. EMD व ePBG की शर्तों की जांच हो
  3. डॉ. गोपाल कंवर की भूमिका पर प्रशासनिक समीक्षा हो
  4. MSME विरोधी रवैये पर सरकार जवाब दे
  5. स्वतंत्र एजेंसी से जांच और RTI में खुलासा हो

जब टेंडर में शर्तें ही “किसी खास” के लिए बनाई जाएं…
जब EMD और Performance Guarantee को ‘हथियार’ बना दिया जाए…
और जब टेंडर कॉलेज के नाम पर निकले पर कंट्रोल किसी MS के हाथ में हो…
तो समझ लीजिए — घोटाले की स्क्रिप्ट पूरी तरह तैयार है।

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