डीएमएफ घोटाला: जयसिंह अग्रवाल का करीबी ऋषभ सोनी निकला भ्रष्टाचारी!

डीएमएफ घोटाला: जयसिंह अग्रवाल का करीबी ऋषभ सोनी निकला भ्रष्टाचारी!
कोरबा। छत्तीसगढ़ में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ) फंड के 90 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले ने राज्य में राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में भूचाल ला दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू सहित 10 आरोपियों की 21.47 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं।
इस घोटाले में शामिल अन्य नामों में ऋषभ सोनी विशेष रूप से चर्चा में है, जिसे पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का करीबी माना जा रहा है।
ईडी की कार्रवाई: संपत्तियों की कुर्की
- आईएएस रानू साहू और अन्य 9 आरोपियों की 21.47 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त।
- संपत्तियों में जमीन, आवासीय परिसंपत्तियां, बैंक बैलेंस और सावधि जमा शामिल।
- 2.32 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी और आभूषण भी जब्त।
10 आरोपियों की सूची
- आईएएस रानू साहू
- माया वारियर
- राधेश्याम मिर्झा
- भुवनेश्वर सिंह राज
- वीरेंद्र कुमार राठौर
- भरोसा राम ठाकुर
- संजय शेंडे
- मनोज कुमार द्विवेदी
- ऋषभ सोनी
- राकेश कुमार शुक्ला
ऋषभ सोनी और जयसिंह अग्रवाल के संबंध
ईडी की जांच में ऋषभ सोनी की भूमिका को घोटाले में अहम माना जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सोनी ने ठेकेदारों और सरकारी अधिकारियों के बीच दलाल की भूमिका निभाई और रिश्वत का बड़ा हिस्सा नियंत्रित किया।
आरोप है कि सोनी ने पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के साथ अपने करीबी संबंधों का इस्तेमाल कर बड़े ठेके हासिल किए।
राजनीतिक संरक्षण का फायदा
आरोप है कि ऋषभ सोनी ने पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के साथ अपने करीबी संबंधों का इस्तेमाल कर बड़े ठेके हासिल किए।
ईडी ने पाया कि सोनी ने फर्जी कंपनियों और नकली लेन-देन के जरिए सरकारी अनुबंधों से धन हड़पने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कैसे हुआ घोटाला?
ईडी ने जांच में डीएमएफ घोटाले की कार्यप्रणाली का खुलासा किया:
- ठेकेदारों से 15% से 42% तक की रिश्वत ली गई।
- नकद लेन-देन और फर्जी बिलों के जरिए धन को सफेद किया गया।
- फर्जी कंपनियों के जरिए अनुबंध का पैसा हड़पा गया।
- राजनीतिक संरक्षण और प्रभावशाली हस्तियों का सहयोग लिया गया।
ईडी की कार्रवाई: संपत्तियों की कुर्की
ईडी ने जांच के दौरान 2.32 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी और आभूषण जब्त किए। साथ ही, आरोपियों की 21.47 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया गया।
क्या जयसिंह अग्रवाल की जांच होगी?
घोटाले में ऋषभ सोनी का नाम आने के बाद जयसिंह अग्रवाल पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि, ईडी ने अभी तक अग्रवाल को प्रत्यक्ष रूप से आरोपी नहीं बनाया है, लेकिन उनके और सोनी के संबंधों की गहन जांच की मांग जोर पकड़ रही है।
डीएमएफ घोटाला: राजनीतिक और प्रशासनिक भ्रष्टाचार का उदाहरण
डीएमएफ घोटाला छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक और राजनीतिक भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है। ऋषभ सोनी और अन्य आरोपियों की भूमिका स्पष्ट है, लेकिन इस घोटाले में राजनीतिक संरक्षण के आरोप इसे और गंभीर बना देते हैं। अब देखना यह होगा कि ईडी की जांच कितनी निष्पक्ष रहती है और क्या दोषियों को सजा मिल पाती है। जनता और विपक्ष की नजरें इस मामले पर टिकी हुई हैं।
