KORBA : ट्रेनों में यात्रियों की भीड़, वेटिंग लिस्ट 190 के पार, छठ तक कई ट्रेनों में नो-रूम

कोरबा – दीपावली और छठ महापर्व को लेकर यात्री ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है। स्लीपर व एसी बोगी में सफर के लिए एक-एक सीट के लिए यात्रियों में मारामारी मची हुई है। वेटिंग सूची 190 के पार पहुंच गई है। सीटों की यह सूची छठ महापर्व बाद तक बनी हुई है। इस कारण पर्व पर घर जाने को लेकर यात्रियों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
दीपावली और छठ महापर्व परिवार के साथ मनाने को लेकर लोगाें में खासा उत्साह है, लेकिन इस उत्साह पर ट्रेनाें की वेटिंग सूची खलल डाल रही है। लंबी दूरी की ट्रेनों में सीटें खाली नहीं है। कोरबा जिला औद्योगिक शहर है। जिले के सार्वजनिक व निजी कंपनियों में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों को दिवाली व छठ महापर्व पर घर जाने के लिए आरक्षित टिकट के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है। आरक्षित टिकट काउंटर में भी यात्रियों की लंबी कतार लग रही है।
इसमें भी यात्रियों को वेटिंग वाली टिकट लेकर निराशा हाथ लग रही है। सबसे अधिक वेटिंग बिहार, झारखंड, दिल्ली, कोलकाता, महाराष्ट्र, गुजरात सहित अन्य प्रांतों की ओर जाने वाली ट्रेनों में है। बिहार की ओर जाने वाली यात्री ट्रेन की वेटिंग सूची 190 से अधिक हो गई है। छठ महापर्व के बाद भी आरक्षित टिकट नहीं मिल रही है। यात्रियों को मजबूरी में अनारक्षित टिकट लेकर आरक्षित होने का इंतजार करना पड़ रहा है। आरक्षण केंद्र का चक्कर काट रहे हैं।
साउथ बिहार एक्स.(13287) 147 153 180 191 178हावड़ा मेल (12810) — 76 56 41 58
शालीमार सुफा(18030) — 40 44 26 41
आजाद हिंद सुफा(12129) 24 31 45 46 59
हीराकुंड एक्स (12809) 57 47 38 84 79छत्तीसगढ़ एक्स(18237) 38 48 60 76 46
अमरकंटक एक्स(12853) 33 37 105 80 29
सारनाथ एक्स (15160) 58 60 87 101 47
भगत की कोठी एक्स(20883) 37 70 89 40 34
विलंब से पहुंची ये ट्रेनें यात्री हुए परेशान
इधर शिवनाथ, लिंक और हसदेव एक्सप्रेस के परिचालन में समय को ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ट्रेन रोजाना विलंब से कोरबा पहुंच रही है। हसदेव एक्सप्रेस रविवार को रात 11 बजे के बाद कोरबा पहुंची थी। सोमवार को शिवनाथ एक्सप्रेस डेढ़ घंटे और लिंक एक्सप्रेस एक घंटे देरी से कोरबा आई थी। ट्रेन के लेटलतीफी से यात्रियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। बावजूद इसके समय को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आए दिन ट्रेनों की लेटलतीफी से एक ओर जहां यात्रियों को परेशानी हो रही है वहीं प्रबंधन गंभीर नहीं है।
ट्रेवल्स एजेंसियों वसूल रहे अधिक किरायात्योहारी सीजन में यात्री टिकट आरक्षण केंद्र से ट्रैवल्स एजेंसियों का चक्कर काट रहे हैं। लेकिन आरक्षित टिकट नहीं मिल रही है।