June 1, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
बालको की आरोग्य परियोजना से उभर रहा है एक सशक्त, नशामुक्त समाजमानसून ने पकड़ी रफ्तार: रायपुर समेत कई जिलों में झमाझम बारिशदेरी से न्याय मिलना, न्याय नहीं मिलने के बराबर है : विष्णु देव सायजशपुर में सर्च अभियान: 49 संदिग्धों की जांच, 3 मकान मालिकों पर कार्रवाईहर मोर्चे पर समाज के साथ खड़े रहते हैं मारवाड़ी छोटे छोटे प्रयासों से ही बड़े बदलाव आते हैं : मनीष गोयल कोरोनाकाल में भी मारवाड़ियों ने दिया था अविस्मरणीय योगदानएमसीबी प्रेस क्लब में हिंदी पत्रकारिता दिवस का हुआ आयोजन, अधिकारियों व पत्रकारों ने की शिरकतHIGH COURT NEWS : निलंबन और विभागीय जांच के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक, कलेक्टर बीजापुर के अधिकार पर सवाल !10 वर्ष से पूर्व बनाये गये आधार के बायोमैट्रिक अपडेट के लिए ज्यादा से ज्याद प्रचार प्रसार करें : कलेक्टरएमसीबी प्रेस क्लब में हिंदी पत्रकारिता दिवस का हुआ आयोजन, अधिकारियों व पत्रकारों ने की शिरकतकार में डिप्टी कलेक्टर का नेम प्लेट लगाना पड़ा भारी, युवक गिरफ्तार
छत्तीसगढ़

पोहा ठेला संचालक से मारपीट करने वाला आरक्षक निलंबित, FIR भी दर्ज…

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

दुर्ग (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। सड़क किनारे पोहा बेचने वाले एक युवक के साथ मारपीट और नाश्ता फेंकने की घटना में लिप्त आरक्षक को दुर्ग के एसएसपी विजय अग्रवाल ने तत्काल निलंबित कर दिया है। यही नहीं, आरोपी आरक्षक और उसके साथी के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है।

घटना 21 अप्रैल की सुबह करीब 5 बजे की है। सुपेला थाना क्षेत्र के घड़ी चौक पर चंद्रभूषण साव (26) रोज की तरह अपने पिता के साथ पोहा ठेला लगा रहा था। इसी दौरान पुरानी भिलाई थाने में पदस्थ आरक्षक कुंदन सिंह और बटालियन में पदस्थ राजेश यादव वहां पहुंचे। नशे में धुत्त कुंदन सिंह ने ठेला हटाने को लेकर चंद्रभूषण से विवाद किया और देखते ही देखते मारपीट कर दी और ठेले का नाश्ता व सामान नीचे फेंक दिया।

घटना की सूचना मिलते ही सुपेला पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों आरोपियों को थाने लाया गया। वहां भी दोनों ने ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों से बत्तमीजी और तूतू-मैं-मैं की।

शिकायत पर सुपेला पुलिस ने दोनों पर मामला दर्ज किया, लेकिन बाद में ठेला संचालक के खिलाफ भी काउंटर केस दर्ज कर दिया गया, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे।

SSP विजय अग्रवाल ने ज्वाइनिंग के दूसरे ही दिन मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए आरक्षक को निलंबित कर दिया और रक्षित निरीक्षक को तीन दिन में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

इस त्वरित कार्रवाई को दुर्ग पुलिस में अनुशासन और जवाबदेही की ओर एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। SSP के सख्त रुख से स्पष्ट है कि पुलिसकर्मियों की मनमानी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

 

ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close