कोरबा: पूर्व राजस्व मंत्री की मेहरबानी, महापौर को करोड़ों का खेल सौंपा ?
राताखार मार्ग पर हुए हादसे में किशोर यश दुबे की मौत पर छाई गमगीन फिजा के बीच एक और चौंकाने वाली सच्चाई उभरकर सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, कोरबा के कांग्रेसी महापौर राजकिशोर प्रसाद को यह “सड़क चौड़ीकरण का मुद्दा” सीधे पूर्व राजस्व मंत्री की ओर से सौंपा गया है। सवाल यह है कि इस जिम्मेदारी का मकसद जनहित है या एक बड़ा घोटाला?
राजनीति या सौदेबाजी?
सूत्रों का दावा है कि पूर्व राजस्व मंत्री ने इस प्रोजेक्ट को महापौर को सौंपकर करोड़ों के खेल का रास्ता साफ किया।
- राखड़ से भरी जमीन और बड़ा सौदा:
सड़क चौड़ीकरण की जिस योजना की बात हो रही है, वह हादसे की जगह से अलग है। इस इलाके में राखड़ भराई कर गड्ढे भरे गए थे। अब करोड़ों की डील के तहत इस जमीन को सड़क से सटाकर एक बड़े व्यापारी को देने का सौदा हो चुका है। - सड़क हादसे की आड़ में पर्दे के पीछे का खेल:
यह पूरा मामला हादसे की आड़ में व्यावसायिक लाभ कमाने की चाल है। इस सौदे का सीधा फायदा उन नेताओं और व्यापारियों को होगा, जो इस खेल में शामिल हैं।
महापौर पर मंत्री की मेहरबानी क्यों?
महापौर राजकिशोर प्रसाद का इस मुद्दे को अचानक जोर-शोर से उठाना कोई संयोग नहीं है। माना जा रहा है कि पूर्व राजस्व मंत्री ने यह प्रोजेक्ट महापौर को इसलिए सौंपा ताकि इस सौदे से होने वाले आर्थिक लाभ को सुरक्षित रखा जा सके। महापौर ने जनहित का नाटक कर इस मुद्दे को कोर्ट और प्रशासन के सामने उठाया, जबकि उनकी असली मंशा कुछ और है।
सच्चाई दबाने का प्रयास
पूर्व आयुक्त प्रतिष्ठा ममगाई को गलत ठहराकर, महापौर ने जनता का ध्यान असली मुद्दे से भटकाने की कोशिश की। हाईकोर्ट ने भी इस मामले में महापौर के दावों को खारिज कर दिया। इसके बावजूद, महापौर लगातार इस सड़क चौड़ीकरण को अनावश्यक मुद्दा बनाकर पेश कर रहे हैं।
सड़क हादसा या सत्ता का खेल?
जिस जगह हादसा हुआ, वहां सड़क की मरम्मत या सुधार पर कोई चर्चा नहीं है। इसके बजाय करोड़ों की योजना बनाई जा रही है:
- व्यापारी को फायदा पहुंचाने का षड्यंत्र:
सड़क चौड़ीकरण के नाम पर व्यापारी को आर्थिक फायदा पहुंचाने का खेल चल रहा है। यह सीधे तौर पर व्यापारियों और नेताओं के हित में है। - सड़क चौड़ीकरण के नाम पर जनता के पैसे का दुरुपयोग:
करोड़ों के इस सौदे में महापौर और उनके साथियों का बड़ा लाभ है, जबकि जनहित के मुद्दे को नजरअंदाज किया जा रहा है। - हादसे की आड़ में राजनीतिक महत्वाकांक्षा को बढ़ावा:
महापौर और उनके सहयोगी इस हादसे को सिर्फ एक अवसर के रूप में देख रहे हैं, जहां वे अपनी राजनीतिक शक्ति और मुनाफे को बढ़ा सकें।
जनता के सवाल:
- क्या सड़क हादसे का समाधान करोड़ों के सौदे से होगा?
- पूर्व राजस्व मंत्री ने महापौर को यह जिम्मेदारी क्यों दी?
- क्या यह प्रोजेक्ट जनहित के लिए है या व्यापारियों और नेताओं के लिए?
कोरबा की जनता अब यह समझ चुकी है कि सड़क चौड़ीकरण के नाम पर हादसे का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश हो रही है। यह हादसे का समाधान नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण है। प्रशासन को चाहिए कि इन साजिशों को उजागर करे और जिम्मेदारों से जवाब मांगे।