छत्तीसगढ़

अधूरे भवन में अध्यनरत बच्चों को हो रही भारी परेशानी

तात्कालीन सरपंच के कार्यकाल में स्वीकृत स्कूल के निर्माणाधीन भवन को पूर्ण कराने वर्तमान सरपंच ने निकाली 2.50 लाख की राशि और डकार लिया

0 डीएमएफ की राशि का दुरुपयोग.

0 कार्यवाही के अभाव में भ्रष्ट्राचार में लिप्त सरपंच सचिव के हौसले बुलंदियों पर.

कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा:– गांव के विकास के लिए स्वीकृत राशि को बेझिझक हजम करके शासन- प्रशासन व ग्रामीणजनों की आंखों में धूल झोंकने और भ्रष्ट्राचार की गाथा लिखने वाले कुटेशर नगोई के सरपंच- सचिव ने शिक्षा के मंदिर निर्माण की राशि को भी नही छोड़ा और तात्कालीन सरपंच के कार्यकाल में अधूरे छुटे प्राथमिक शाला भवन निर्माण के 2.50 लाख की राशि निकाल गबन कर दी गई। नतीजतन विद्यालय भवन निर्माणाधीन होने से यहां अध्यनरत बच्चों को अध्यापन कार्य मे भारी परेशानी हो रही है।16 जून से नए सत्र के रूप में शासकीय और अर्धशासकीय स्कूलों की कक्षाएं संचालित कर दी गई है। जिसमे नई सुविधाओं के साथ बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने शासन के निर्देश है। लेकिन पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत कुटेशर नगोई सरपंच- सचिव के भ्रष्ट्र कृत्य के चलते आश्रित ग्राम डोंगरतरई में संचालित प्राथमिक विद्यालय की कक्षाएं निर्माणाधीन भवन में संचालित हो रही है। यहां वर्षों पूर्व निर्मित प्राथमिक विद्यालय का भवन काफी जर्जर हो जाने के कारण नए बिल्डिंग निर्माण के लिए गत वर्ष 2016- 17 में जिला खनिज न्यास निधि से 10.85 लाख रुपए की राशि जिला प्रशासन द्वारा प्रस्तावित की गई और एजेंसी ग्राम पंचायत को बनाया गया। जहां उक्त राशि पंचायत के खाते में आयी और निर्माण कार्य शुरू कराया गया लेकिन तात्कालीन सरपंच के कार्यकाल में प्राथमिक स्कूल के लिए भवन का निर्माण पूरा नही हो पाया। वहीं वर्तमान सरपंच द्वारा निर्वाचित होने के बाद अधूरे इस भवन का कार्य पूर्ण कराने के नाम पर 2.50 लाख की राशि निकाल लिए गए लेकिन कार्य नही कराया गया। जिस राशि आहरण की रिचार्ज बाउचर तिथि 25/05/2021 है। ऐसे में निर्माणाधीन भवन में बैठकर बच्चे पढ़ने को मजबूर है और हालात यह है कि भवन में दरवाजा, खिड़की नही है तो भीतरी भागो का प्लास्टर कार्य भी अधूरा है। जिससे बारिश के दिनों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है तो वहीं रात्रि में मवेशी भीतर घुसकर गंदगी फैला जाते है। इस शाला में बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों ने बताया कि पुराना स्कूल भवन बेहद जर्जर हालत में होने के कारण नए भवन का निर्माण कराया गया वह भी आधा- अधूरा। जिस भवन के जमीन को शाला विकास समिति के सदस्यो द्वारा आपस मे राशि इकट्ठा कर बच्चों के बैठने लायक बनवाया गया है, तब कहीं जाकर कक्षाएं संचालित हो रही है। जिस तरह से सरपंच सचिव ने शाला भवन निर्माण की राशि निकालकर डकार दी और भवन का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। शायद जनपद व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नही। जिस भ्रष्ट्राचार और अनदेखी का खामियाजा डोंगरतराई स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। बता दें कि कुटेशर नगोई सरपंच- सचिव के मिलीभगत से उप स्वास्थ्य केंद्र मरम्मत व सचिव आवास रंगाई- पोताई और मरम्मत के नाम पर बिना काम के 1.30 लाख व कुटेशर नगोई से अमलडीहा 300 मीटर सीमा के पहुँचमार्ग मुरुमीकरण पर 2,19,978 रुपए की राशि 15वें वित्त आयोग मद से निकाल बंदरबांट कर ली गई। जिन भ्रष्ट्राचार को खबर के माध्यम से संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया, किंतु किसी प्रकार की कोई कार्यवाही न होना भ्रष्ट्राचारियों को संबंधितों का मौन सहमति नजर आता है। शायद यही वजह है कि कुटेशर नगोई सरपंच- सचिव के हौसले आसमान की बुलंदियों पर है और शाला भवन निर्माण की राशि भी बेखौफ हजम कर दी गई। बहरहाल स्कूल भवन के हालत को देखकर पालकों में काफी रोष व्याप्त है तथा उन्होंने कलेक्टर से इसकी शिकायत करने का मन बनाया है।

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