November 12, 2024 |

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छत्तीसगढ़

भ्रष्टाचार का शिकार बनी मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना, बच्चों की सुरक्षा पर खतरा

अधूरी मरम्मत, पूरा भुगतान: ठेकेदार और विभाग पर मिलीभगत का आरोप

Gram Yatra Chhattisgarh
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बीजापुर । छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में स्कूलों का जीर्णोधार करने के लिए स्कूल जतन योजना लाई थी। इस योजना के तहत प्रदेश के जर्जर स्कूल भवनों के मरम्मत के लिए हजारों करोड़ रुपए खर्च किए गए थे ताकि स्कूल भवनों की हालत सुधर सके। लेकिन ये सुधार कार्य सिर्फ कागजों में ही सिमटकर रह गया क्योंकि जमीनी हकीकत तो कुछ और ही है।

ताजा मामला बीजापुर जिले के भैरमगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत जैवारम के प्राथमिक शाला का है।यहां पर योजना के तहत आरईएस विभाग ने काम कराया था। इस जीर्णोधार के लिए इस स्कूल को 03 लाख 94 हजार रुपये दिए गए थे।

जर्जर स्कूल भवन में घटिया मरम्मत कार्य, पानी टपक रहा छत से
ग्राम पंचायत जैवारम के प्राथमिक शाला के जीर्णोद्धार के लिए 3 लाख 94 हजार रुपये की राशि आवंटित की गई थी। इस राशि का उपयोग लोक निर्माण और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) विभाग के निर्देशन में स्कूल भवन की मरम्मत के लिए होना था। लेकिन, प्रधान पाठक के अनुसार, ठेकेदार ने केवल पेंट का कार्य कर इसे पूरा दिखाने का प्रयास किया। मरम्मत के बावजूद, पहली बारिश में ही स्कूल के छत से पानी टपकने लगा, जबकि खिड़कियों और दरवाजों की भी मरम्मत अधूरी रही।

अधूरे कार्य के बावजूद ठेकेदार ने लिया भुगतान
प्रधान पाठक ने जानकारी दी कि ठेकेदार लक्ष्मी नारायण साहू को बार-बार कहने पर केवल छत पर थोड़ी बहुत वाटरप्रूफिंग करवाई, लेकिन खिड़कियों में जाली नहीं लगाई, केवल कांच ही लगाए। इसके बावजूद ठेकेदार ने पूरा काम दिखाते हुए शाला प्रबंधन समिति से तीन लाख रुपये का भुगतान महालक्ष्मी ट्रेडर्स बीजापुर के नाम पर चेक के माध्यम से ले लिया।

आरईएस विभाग और ठेकेदार पर सांठगांठ का आरोप
विभागीय सूत्रों का कहना है कि ठेकेदार ने आरईएस विभाग के एसडीओ के साथ मिलकर माप पुस्तिका तैयार की और अधूरे कार्य के बावजूद भुगतान प्राप्त किया। इस स्कूल में अभी भी छत, खिड़की, दरवाजा और बिजली व्यवस्था के सुधार कार्य अधूरे पड़े हैं।

शिक्षा व्यवस्था पर उठते सवाल
मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत सरकार का उद्देश्य प्रदेश के बच्चों को सुरक्षित और उपयुक्त अध्ययन माहौल प्रदान करना था। लेकिन बीजापुर के इस मामले ने योजना की पारदर्शिता और जमीनी कार्यान्वयन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वह इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करेगा ताकि इस प्रकार के भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके और बच्चों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिल सके।

 

ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़

 

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