छत्तीसगढ़ की बेटी का कमाल, समुद्र में शार्क के बीच से गुजरी, बनाया रिकॉर्ड
रायपुर। कुछ कर गुजरने का अगर दृढ़ संकल्प हो तो मंजिल आसान हो जाती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है जांजगीर की अंजली पटेल ने। पैरों से दिव्यांग होने के बाद भी रिले रेस तैराकी में एशियन रिकॉर्ड बनाया, जो लाखों दिव्यागों के लिए मिसाल बन गई।
अंजली ने समुद्र की लहरों को भेदकर शार्क और डॉल्फिन के बीच से गुजरकर यह मुकाम हासिल किया। देश भर के छह पैरा तैराकों की इस टीम ने 35 किलोमीटर की दूरी 11 घंटे 46 मिनट 56 सेकंड में तैर कर पूरी की। अंजली ने इसमें शामिल होने के लिए पांच लाख स्र्पये उधार लिए थे।
अंजली ने बताया कि प्रत्येक तैराक को दो-दो घंटे समुद्र में तैरना था। दो घंटे में तीन किलोमीटर का सफर तय करना था। एक के थकने के बाद दूसरे को उतारा जाता था। अंजली तीसरे नंबर पर उतरीं और दो घंटे में तीन किलोमीटर का सफर पूरा किया।
एक महीने पुणे में ट्रेनिंग
अंजली ने बताया कि रिकॉर्ड बनाने के पूर्व एक महीने का कैंप पुणे में आयोजित किया गया, जिसमें कोच रोहन गोरे ने सभी को तैयार किया।
पिता थे बस कंडक्टर, पांच बहन भी हैं
अंजली की आर्थिक हालात ठीक नहीं है। पिता बस कंडक्टर थे। जब अंजली ने बिलासपुर में नौकरी शुरू की तो पिता को कंडक्टरी करने से रोक दिया। अंजली की कुल पांच बहन और एक भाई है। सभी की जिम्मेदारी अंजली ही उठा रही हैं।
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