रायपुर। पांचवीं विधानसभा के पहले सत्र के पहले दिन सदन में छत्तीसगढ़ी बोली की धमक दिखाई दी। 90 में से 29 विधानसभा सदस्यों ने स्थानीय छत्तीसगढ़ी भाषा में शपथ ली। इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की।
सदन में मौजूद मंत्रिमंडल के 11 में से छह सदस्यों ने भी छत्तीसगढ़ी भाषा में शपथ ली। इतना ही नहीं नव निर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने भी अपना पहला अध्यक्षीय भाषण छत्तीसगढ़ी में ही दिया। ऐसा लगा मानो इसके जरिए सांकेतिक रूप से विधानसभा ने छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा देने की मांग को बल दिया हो।
प्रोटेम स्पीकर रामपुकार सिंह ने सदन के अंदर 75 सदस्यों को शपथ दिलाया। वहीं, नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने शेष बचे 15 सदस्यों को, क्योंकि ये सभी विलंब से सदन में पहुंचे थे। इनमें 14 भाजपा और एक कांग्रेस के सदस्य शामिल हैं। कांग्रेस सदस्य डहरिया विध्ाानसभा की कार्यवाही खत्म होने के बाद पहुंचे, इस वजह से उन्हें अध्यक्ष के अध्यक्ष में शपथ दिलाई गई।
कांग्रेस विधायक व राज्य के आबकारी मंत्री कवासी लखमा के लिए विधानसभा सचिव चंद्रशेखर गंगराडे ने शपथपत्र पढ़ा। लखमा ने उसे दोहराया। उल्लेखनीय है कि लखमा केवल साक्षर हैं और वे पढ़ नहीं सकते।
पूर्व मुख्यमंत्री और जकांछ प्रमुख अजीत जोगी ने अपने स्थान से ही शपथ ली। हादसे की वजह से व्हील चेयर पर आए भाजपा विधायक पुन्नूलाल मोहले को भी प्रोटेम स्पीकर ने वहीं से शपथ लेने की अनुमति दे दी।
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के सदन में बैठने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। उनके लिए पीछे की एक सीट से कुर्सी हटा दी गई है ताकि वे अपने व्हील चेयर के साथ वहां बैठ सकें। वैसे शुक्रवार को जोगी के अलावा भाजपा विधायक पुन्नूलाल मोहले भी व्हील चेयर पर पहुंचे थे। उल्लेखनीय है कि चुनाव परिणाम के दिन ही मोहले सड़क हादसे का शिकार हो गए थे। इस वजह से फिलहाल उन्हें चलने-फिरने के लिए व्हील चेयर का सहारा लेना पड़ रहा है।
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