छत्तीसगढ़ शासन के अधिकारियों के लिए स्थानांतरण नीति 2019 जारी
रायपुर । छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रदेश सरकार के कर्मचारियों – अधिकारियों के लिए स्थानांतरण नीति 2019 जारी कर दी है । जिसके मुताबिक जिला स्तर पर 28 जून से 12 जुलाई और प्रदेश स्तर पर 15 जुलाई से 14 अगस्त तक स्थानांतरण किए जा सकेंगे । जिला स्तर पर कर्मचारियों के तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से होंगे । जबकि प्रदेश स्तर के तबादले विभागीय मंत्री के अनुमोदन से किए जा सकेंगे ।
जारी की गई स्थानांतरण नीति के मुताबिक 28 जून से 12 जुलाई तक जिला स्तर पर तृतीय श्रेणी ( गैर कार्यपालिक ) तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कलेक्टर द्वारा किए जा सकेंगे । प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद स्थानांतरण आदेश प्रसारित होंगे । स्थानांतरण प्रस्ताव संबंधित विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा तैयार कर कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री को प्रस्तुत किए जाएंगे और प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद कलेक्टर द्वारा आदेश प्रसारित किए जाएंगे । तृतीय एवं चतुर्थ दोनों श्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में उनके संवर्ग में कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या के अधिकतम 10 – 10% तक स्थानांतरण किए जा सकेंगे । आपसी सहमति से स्वयं के व्यय पर किए गए तबादलों की गणना इस सीमा में नहीं की जाएगी । कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के स्थानांतरण के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी मार्गदर्शी सिद्धांतों – निर्देशों का पालन किया जाएगा । दिव्यांग शासकीय कर्मचारियों की पदस्थापना यथासंभव आवागमन की दृष्टि से सुविधाजनक स्थान पर की जाएगी। जिन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के लिए 1 साल का समय शेष रह गया हो उन्हें भी स्वयं के जिले या उनके विकल्प के जिले में पदस्थ किया जा सकेगा ।
जिला स्तर पर सहायक शिक्षकों शिक्षकों के स्थानांतरण के संबंध में शाला विशेष में शैक्षणिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए स्थानांतरण किया जाएगा ।शैक्षणिक व्यवस्था से मतलब यह है कि स्कूल में कक्षा वार विद्यार्थियों की संख्या , विषयवार शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या और उसके विषय वार कार्यरत शिक्षकों की संख्या से है । किसी भी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों के स्कूलों में स्थानांतरण को प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा । नीति में यह भी स्पष्ट किया गया है कि शासकीय सेवक पति पत्नी को एक ही स्थान पर पदस्थापना पाने का अधिकार प्राप्त नहीं होगा । फिर भी पति – पत्नी एक ही स्थान पर पदस्थापना के लिए अनुरोध करें तो उनके अनुरोध पर विभाग द्वारा सहानुभूति पूर्वक विचार कर यथासंभव प्रशासकीय सुविधा और जनहित को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक ही स्थान पर पदस्थापना देने का प्रयास किया जा सकेगा । जिला स्तर पर स्थानांतरण आदेशों का क्रियान्वयन 30 जुलाई तक सुनिश्चित किया जाएगा और तबादले के बाद निर्धारित अवधि में कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर संबंधित अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी । जिला स्तर पर 12 जुलाई के बाद स्थानांतरण पर प्रतिबंध रहेगा । स्थानांतरण संबंधी निर्देशों का पालन करना कलेक्टर की जिम्मेदारी होगी ।
राज्य स्तर पर स्थानांतरण के संबंध में स्पष्ट किया गया है कि राज्य स्तर पर 15 जुलाई से 14 अगस्त तक विभाग द्वारा तबादले किए जा सकेंगे । इसके लिए विभाग की ओर से स्थानांतरण प्रस्ताव तैयार किया जाएगा । स्तर के स्थानांतरण विभाग के मंत्री के अनुमोदन से ही किए जा सकेंगे । तबादले का प्रस्ताव विभागाध्यक्ष अनुसूचित क्षेत्र के शासकीय सेवक का गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरण होने पर उसके स्थान पर एवजीदार के आ जाने के उपरांत ही उसे कार्यमुक्त किया जाएगा । यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि अनुसूचित क्षेत्र के रिक्त पद भरे जाएं । प्रदेश के 10 जिले राजनांदगांव, बस्तर ,कोंडागांव, बीजापुर, कांकेर, सुकमा ,दंतेवाड़ा, नारायणपुर ,कोरबा और महासमुंद में शासकीय योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन के लिए विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की पूर्ति सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी । जिला स्तर पर सहायक शिक्षक – शिक्षक , व्याख्याता एवं प्राचार्य संवर्ग के स्थानांतरण के संबंध में शाला विशेष में शैक्षणिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए स्थानांतरण किया जाएगा । ।
स्थानांतरण नीति में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिला स्तर पर 12 जुलाई और विभागीय स्तर पर 14 अगस्त के बाद स्थानांतरण पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा । लेकिन अत्यंत आवश्यक परिस्थिति में निबंध की अवधि में समन्वय में अनुमोदन के उपरांत ही स्थानांतरण किया जा सकेगा । समन्वय में आदेश प्राप्त करने के लिए जो प्रस्ताव पेश किया जाएगा उसमें संबंधित विभाग द्वारा प्रस्तावित होने वाले सरकारी कर्मचारियों के संबंध में जानकारी दी जाएगी । स्थानांतरण से प्रभावित शासकीय सेवक द्वारा अपने स्थानांतरण के विरुद्ध आवेदन स्थानांतरण नीति के उल्लंघन के संबंध में स्पष्ट आधारों के साथ आदेश जारी होने की तारीख से 15 दिन के भीतर वरिष्ठ साथियों की शासन द्वारा गठित वरिष्ठ सचिवों की समिति के संयोजक एवं सामान्य प्रशासन विभाग को प्रस्तुत किया जा सकेगा ।
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