December 24, 2024 |

NEWS FLASH

Latest News
24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता : बूढ़ादेव की प्राण प्रतिष्ठा और धरतीमाता के पूजन से शुरू* *हुईं तैयारियांजिला कोरिया में अवैध खनिज परिवहन पर कार्रवाई, तीन वाहन जप्तनवभारत साक्षरता कार्यक्रम ‘उल्लास‘ के तहत विभिन्न गतिविधियां आयोजितहज-2025 हेतु स्टेट हज इंस्पेक्टर (खादीमुल हुज्जाज) के आवेदन आमंत्रित- मोहम्मद असलम खानरंजीता रंजन ने भाजपा पर लगाया डॉ. अंबेडकर के अपमान का आरोपजनता तक अपनी बात पहुंचाने का अद्भुत माध्यम है जनसंपर्क: अरुण सावसेजबहार में शिव महापुराण कथा 24 से, जाम से बचने अपनाएं ये रुट…वार्ड क्रमांक 16 में विद्युतीकरण कार्य का पार्षद श्री नरेंद्र देवांगन ने किया  भूमि पूजन स्पाइक होल के चपेट में आकर घायल हुआ जवानमुख्यमंत्री की पहल पर शुरू हुआ पद्म विभूषण तीजन बाई का एम्स में इलाज
छत्तीसगढ़

डूबते सूर्य को अर्घ्य दे कर राजधानी में मना छठ महापर्व

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर । लोक आस्था का प्रमुख पर्व छठ धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। गुरुवार को रायपुर हृदय स्थल समता कॉलोनी स्थित आमातालाब में सायं काल डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इस अवसर पर सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की भी की गई। छठ महापर्व पर छठ घाट पर उपस्थित महिलाएं संतान की लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि के लिए व्रत भी रखी है। व्रती महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखी हैं और डूबते तथा उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित भी कर रही हैं। छठ महापर्व के तीसरे दिन, अर्थात् 07 नवंबर को, डूबते सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया गया। कल 8 नवंबर को, छठ के चौथे दिन प्रातः काल उगते सूर्य को दूसरा अर्घ्य अर्पित किया जाएगा।

डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया गया
छठ पूजा के तीसरे दिन, जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि होती है, डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। इस अवसर पर, भक्तगण शाम के समय किसी जलाशय या नदी के किनारे खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करते हैं। इसके पीछे की मान्यता यह है कि सूर्य देव अपनी दूसरी पत्नी प्रत्यूषा के साथ होते हैं, और इस समय अर्घ्य अर्पित करने से जीवन की सभी समस्याएँ समाप्त होती हैं और इच्छाएं पूर्ण होती हैं। ऐसा करने से जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है।

डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का कारण
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि सूर्य का अस्त होना उस समय का प्रतीक है जब व्यक्ति की मेहनत और तपस्या का फल मिलने का समय होता है। मान्यता है कि डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में संतुलन, शक्ति और ऊर्जा का संचार होता है।

कौन हैं छठ माता
शास्त्रों में छठ माता को सूर्यदेव की बहन माना गया है। इस कारण से हर वर्ष छठ पर्व का भगवान सूर्य के साथ छठ माता की पूजा करने का विधान है। छठी माता हमेशा संतान की रक्षा करती हैं इसलिए इन्हें संतान की रक्षा करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। संतान की लंबी आयु, अच्छी सेहत और सुखी जीवन के लिए छठ पर उपवास और पूजा की जाती है। देवी दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी को छठ माता माना गया है। छठी माई ब्रह्राा जी मानस पुत्री हैं। एक मान्यता है कि देवी सीता, कुंती और द्रोपदी ने भी छठ पूजा का व्रत किया था। इसके कारण से छठ पूजा का विशेष महत्व होता है।

गूंजते रहे छठी मैया के गीत
घरों से लेकर घाटों तक भक्तिपूर्ण माहौल बना रहा। छठ महापर्व की तैयारियां घरों में कई दिनों से चल रही थी। घरों से लेकर घाटों तक भक्ति के गीत गूंजते रहे। जिससे माहौल को भक्तिमय बना दिया।इस अवसर पर छठ घाट पर आज बड़ी संख्या में महिलाएं,पुरुष,बच्चे उपस्थित थे।

 

ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़

 

नमस्कार

मैंने भारत को समृद्धि एवं शक्तिशाली बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली है।
आप भी भाजपा सदस्य बन विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं।

https://narendramodi.in/bjpsadasyata2024/VUXFHF

#BJPSadasyata2024

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close