November 8, 2024 |

NEWS FLASH

Latest News
कोरबा नगर निगम में भ्रष्टाचार के आरोपों की गूंज, अधीक्षण अभियंता एम.के. वर्मा पर निलंबन की तलवारकोरबा नगर निगम में भ्रष्टाचार के आरोपों की गूंज, अधीक्षण अभियंता एम.के. वर्मा पर निलंबन की तलवारबीजापुर में मुठभेड़, 2 नक्सली ढेर…बलौदाबाजार में खुलेगा बीएड महाविद्यालय, ट्रांसपोर्ट नगर की होगी स्थापना : विष्णु देव सायपहली बार बलौदाबाजार पहुंचे मुख्यमंत्री, हेलीपैड पर आत्मीय स्वागतहाईकोर्ट के निर्देश : शिवप्रसाद साहू के शव का दोबारा मोस्टमार्टम होगाकोरबा: विकास महतो के प्रयासों से पहली बार कटघोरा पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, सहस्त्रबाहु जयंती कार्यक्रम में की महत्वपूर्ण घोषणाएंहम सभी ध्यान दें तो क्षेत्र को बहुत जल्दी बना सकते हैं बाल विवाह मुक्तः मनोज जायसवालहर्बल और आर्गेनिक उत्पादों की बढ़ी डिमांडखेतों में घुस रहा फैक्ट्री का गंदा पानी, धरसींवा के किसान परेशान
नेशनल

चंद्रयान-2 : लैंडर ‘विक्रम’ से संपर्क साधने की उम्मीद न के बराबर

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

चंद्रयान-2 मिशन से जुड़े एक वरिष्ठ इसरो अधिकारी ने शनिवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने ‘विक्रम’ लैंडर और उसमें मौजूद ‘प्रज्ञान’ रोवर को संभवत: खो दिया है। इससे पहले लैंडर जब चंद्रमा की सतह के नजदीक जा रहा था तभी निर्धारित सॉफ्ट लैंडिंग से चंद मिनटों पहले उसका पृथ्वी स्थित नियंत्रण केंद्र से सपंर्क टूट गया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के अध्यक्ष के़ सिवन ने कहा, ”विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक सामान्य तरीके से नीचे उतरा। इसके बाद लैंडर का धरती से संपर्क टूट गया। आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है।”
चंद्रयान-2 मिशन से करीब से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा से कहा, ”लैंडर से कोई संपर्क नहीं है। यह लगभग समाप्त हो गया है। कोई उम्मीद नहीं है। लैंडर से दोबारा संपर्क स्थापित करना बहुत ही मुश्किल है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार की भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नियंत्रण कक्ष से राष्ट्र को संबोधित करते हुए वैज्ञानिकों से कहा कि आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए, उसकी जय के लिए जीते हैं। आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए जूझते हैं।
चंद्रयान-2 मिशन के तहत भेजा गया 1,471 किलोग्राम वजनी लैंडर ‘विक्रम भारत का पहला मिशन था जो स्वदेशी तकनीक की मदद से चंद्रमा पर खोज करने के लिए भेजा गया था। लैंडर का यह नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ.विक्रम ए साराभाई पर दिया गया था।
इसे चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए डिजाइन किया गया था और इसे एक चंद्र दिवस यानी पृथ्वी के 14 दिन के बराबर काम करना था। लैंडर विक्रम के भीतर 27 किलोग्राम वजनी रोवर ‘प्रज्ञान’ था। सौर ऊर्जा से चलने वाले प्रज्ञान को उतरने के स्थान से 500 मीटर की दूरी तक चंद्रमा की सतह पर चलने के लिए बनाया गया था।
इसरो के मुताबिक लैंडर में सतह और उपसतह पर प्रयोग करने के लिए तीन उपकरण लगे थे जबकि चंद्रमा की सहत को समझने के लिए रोवर में दो उपकरण लगे थे। मिशन में ऑर्बिटर की आयु एक साल है।

gramyatracg

 

नमस्कार

मैंने भारत को समृद्धि एवं शक्तिशाली बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली है।
आप भी भाजपा सदस्य बन विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं।

https://narendramodi.in/bjpsadasyata2024/VUXFHF

#BJPSadasyata2024

Related Articles

Check Also
Close