November 7, 2024 |

NEWS FLASH

Latest News
प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग के लिए 20 तक कर सकेगें आवेदनछत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने की तैयारीप्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजनाः हर घर को मिलेगी सस्ती और हरित ऊर्जामुख्यमंत्री ने पूर्व राज्यसभा सांसद स्व गोपाल व्यास को दी श्रद्धांजलिराज्योत्सव समारोह में ‘आओ संगी लखपति बनबो’ गीत का शुभारंभसमापन समारोह में पवनदीप और अरुणिता के शानदार गीतों ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्धराज्य स्थापना दिवस पर दादरखुर्द में आयोजित डांस प्रतियोगिता में शामिल हुए पार्षद श्री नरेंद्र देवांगनशहीद वीरनारायण सिंह स्मृति सम्मान से बुटलूराम माथरा और दाऊ मंदराजी सम्मान से पंडीराम मंडावी सम्मानितअबूझमाड़ के बच्चों के मलखंभ का अद्भुत प्रदर्शन देख इतने गदगद हुए उपराष्ट्रपति कि मंच पर वापस चढ़कर बच्चे को उठा लिया गोद मेंछत्तीसगढ़ देश के लिए एक मिसाल, यहां विकास के नये कीर्तिमान बन रहे : जगदीप धनखड़
छत्तीसगढ़

शहीद वीरनारायण सिंह स्मृति सम्मान से बुटलूराम माथरा और दाऊ मंदराजी सम्मान से पंडीराम मंडावी सम्मानित

बुटलूराम माथरा और पंडीराम मंडावी के सम्मान से नारायणपुर जिला गौरवान्वित

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

नारायणपुर, । राज्योत्सव 2024 राज्य अलंकरण से जिले के दो व्यक्तियों को किया गया सम्मानित। आदिवासी सामाजिक चेतना तथा उनके उत्थान के लिए बुटलूराम माथरा को शहीद वीरनारायण सिंह स्मृति सम्मान और पंडीराम मंडावी को लोक नाट्य एवं लोक शिल्प के लिए दाऊ मंदराजी सम्मान से राज्योत्सव कार्यक्रम रायपुर में देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के द्वारा सम्मानित किया गया। बुटलूराम माथरा और पंडीराम मंडावी के सम्मान से नारायणपुर जिला गौरवान्वित हुआ।

देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 115वें संस्करण में नारायणपुर जिले के देवगांव निवासी बुटलूराम माथरा की प्रशंसा की गई थी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से अबुझमाड़िया जनजाति की लोककला के संरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान और स्वच्छ भारत मिशन में उनके योगदान को उजागर किया था। बुटलूराम माथरा पिछले चार दशकों से जनजातीय लोककला के संरक्षण में सक्रिय हैं। उनके प्रयासों से न केवल स्थानीय संस्कृति को जीवित रखा है, बल्कि उन्होंने अपनी कला के माध्यम से सामाजिक अभियानों को भी बढ़ावा दिया है।

जिले के देवगांव निवासी बुटलूराम माथरा नेे 5वीं कक्षा तक पढ़ाई की है, लेकिन इसके बावजूद उनकी कला ने उन्हें एक नया मार्ग प्रशस्त किया है। मुख्य पेशे के तौर पर कृषक होने के नाते, वे बांस की कला कृतियों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के यंत्र बनाते हैं। उनकी यह अनोखी कला न केवल उनकी पहचान है, बल्कि इससे वे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहे हैं। उनकी कृतियों में बांस की सजावट, बर्तन और अन्य यांत्रिक उपकरण शामिल हैं, जो न केवल सुंदरता में वृद्धि करते हैं बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। बुटलूराम का मानना है कि कला समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है और इससे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया जा सकता है।

जिले के ग्राम गढ़बेंगाल निवासी पंडीराम मंडावी ने भी तीसरी तक पढ़ाई की है, उन्होंने काष्ठ शिल्प अपने पिता से सीखा, पंडीराम बस्तर आर्ट बनाते हैं। बस्तरिया संस्कृति, जिनमें आदिवासियों का पारद, शादी-विवाह में ग्रामीणों की मौजूदगी, नाचना-गाना सहित संस्कृति से जुड़ाव को दर्शात हैं। बस्तर दशहरा के अलग-अलग रस्मों-रिवाजों को भी काष्ठ कला के जरिए उकेरा जाते है। इसी कला को लेकर वे इटली, रूस सहित अन्य देशों के अलावा देशभर के कई बड़े शहरों तक पहुंच चुके हैं। पंडीराम मंडावी की बनाई काष्ठ की कलाकृतियां देश के महानगरों में बड़े होटलों, एम्पोरियम में दिखाई देती है। इंग्लैंड के प्रतिष्ठित कैंब्रिज विश्वविद्यालय के संग्राहालय (म्यूजियम) में भी पंडीराम की बनाई काष्ठ कलाकृति शोभायमान है। पंडीराम मंडावी के लिए काष्ठ शिल्पकला पुश्तैनी काम है। उनके पिता स्वर्गीय मंदेर मंडावी भी बड़े कलाकार थे।

 

ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़

 

नमस्कार

मैंने भारत को समृद्धि एवं शक्तिशाली बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली है।
आप भी भाजपा सदस्य बन विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं।

https://narendramodi.in/bjpsadasyata2024/VUXFHF

#BJPSadasyata2024

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close