August 2, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
उपभोक्ताओं को मिलेगी हर 30 मिनट की बिजली खपत की जानकारीअब गांजा पीने वाले भी जाएंगे जेल, रायपुर पुलिस ने शुरू की कार्रवाईधारासिव के पनखत्ती तालाब में मिला अज्ञात भ्रूण, इलाके में सनसनी11 लाख की लूट निकली फर्जी: कर्ज से उबरने रची थी साजिश, आरोपी गिरफ्तारउद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन को 14419 सदस्य बनाने पर मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने किया सदस्यता रत्न सम्मान से सम्मानितकलेक्टर ने वनांचल ग्राम खोभा, जोब एवं पंडरापानी का किया सघन निरीक्षणनहर में डूबने से युवक की मौतलाखों के गांजे के साथ अंतर्राज्यीय तस्कर सुभाष तिवारी गिरफ्तारधर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार ननों को मिली जमानतकोरबा पुलिस की क्राइम मीटिंग: अपराध नियंत्रण और यातायात व्यवस्था पर जोर
छत्तीसगढ़

ब्रेकिंग न्यूज़ : EOW के SP बोले चिप्स घोटाले में बड़े नाम दायरे में, जल्द किये जायेंगे घोटाले में तलब

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर,2 फ़रवरी 2018। चिप्स में चल रही EOW की जाँच अपनी गति से आगे बढ रही है। काग़ज़ी अभिलेखों से थोड़ा हटकर मामला डिजिटल अभिलेखों का है। दिलचस्प यह भी है कि तकनीक के हाईटेक होने के बावजूद अगर्चे कोई अपराध घटित हुआ है तो उसके निशान डिजिटल होने के बावजूद नुमाया है और जो नही है उसे तलाश करने का काम जारी है।
महालेखाकार ने अपनी रिपोर्ट में यह तथ्य दिया कि 17 विभागों मे 1921 जो टेंडर हुए उनमें गड़बड़ी हुई यह आँकड़ा महालेखा कार्यालय ने 4601 करोड़ का बताया है। विधानसभा के दौरान यह रिपोर्ट सामने आई, और अब तक के दिखते इतिहास से दूर भूपेश सरकार ने इस गड़बड़ी की जाँच के लिए जाँच EOW को सौंप दी।EOW के आईजी एसआरपी कल्लुरी के निर्देशन मे पुलिस अधिक्षक इंदिरा कल्याण एलिसेला इस जाँच के प्रमुख हैं।
जाँच जिस दिशा में चल रही है वो यह संकेत देती है कि जो कथित गड़बड़ी हुई है उसके अनुसार बडी रक़म जिनमें राशि चालीस करोड़ या कि उससे भी उपर है, जिसमें PWD शामिल है, उसके टेंडर एक ही मैक आईडी से भरे गए। याने कि,जिस कम्प्यूटर पर टेंडर की जानकारी दी गई थी उसी कम्प्यूटर से निविदा भर दी गई।जाँच दल यह संभावना या कि आशंका को जाँच के दायरे में रख रहा है कि, इतने बडे स्तर पर हुई यह गड़बड़ी चिप्स के सम्मिलन के बगैर कैसे कर संभव है।
EOW एसपी इंदिरा कल्याण एलिसेला और उनकी टीम इन्हीं डिजिटल अभिलेखों का अध्ययन कर रही है और उसे वरियता के आधार पर जाँच में लेते जा रही है।
वह मॉड्यूल जिस पर टेंडर होते थे उसका नाम है ई प्रोक्यूरमेंट। जाँच दल की नज़रें इस पर ही टिक गई हैं।
टेंडर घोटाले की जाँच कर रही EOW के मुखिया इंदिरा कल्याण ऐलीसेला ने जाँच को लेकर स्वाभाविक रुप से जानकारी नही दी पर उन्होने NPG से कहा
“हम इस मसले पर निचले नही उच्चतम स्तर तक जाएँगे”
उन्होने आगे जोड़ा –
“इस टेंडर घोटाले की जाँच की जद में तत्कालीन पीएस, सेक्रेट्री और सीईओ भी आएँगे”

Related Articles

Check Also
Close