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नई दिल्ली। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने बीती रात लोकसभा चुनाव को लेकर बैठक की। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी समेत इसके सदस्यों ने चुनावों के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची को अंतिम रूप देने पर मंथन किया। माना जा रहा है कि पार्टी इस बार भी कई नए चेहरों को मौका देकर हारी हुई सीटों पर बाजी पलटने की रणनीति बना रही है।
आगामी लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने की संभावना है। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। राज्य के संसदीय क्षेत्रों के प्रत्याशियों पर चर्चा के लिए ये सभी सीएम बैठक में शामिल हुए।
बैठक में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल, मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और गोवा के सीएम प्रमोद सावंत समेत कई और नेता शामिल हुए।
जानकारी के अनुसार, बैठक में उन प्रत्याशियों की सीटों को लेकर चर्चा हुई जिन पर भाजपा 2019 के चुनाव में पराजित हुई थी और जिन पर उसने अपनी संभावनाएं सुधारने का लक्ष्य तय किया है।
माना जा रहा है कि पार्टी जल्द ही अपनी पहली सूची जारी कर सकती है, जिनमें कुछ भरोसेमंद और बड़े चेहरों का नाम शामिल होगा।
बड़े चेहरों का कट सकता है टिकट
इस बीच माना जा रहा है कि भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान और मनसुख मांडविया समेत कई केंद्रीय मंत्रियों को पार्टी आम चुनाव में उतार सकती है क्योंकि पार्टी ने उन्हें राज्यसभा चुनाव में भी नहीं उतारा था। वहीं, ये भी सामने आया है कि पार्टी हमेशा की तरह कुछ मुश्किल भरी सीटों पर नए चेहरों को मौका दे सकती है, जिससे जाने-माने बड़े चेहरों का टिकट कटने की संभावना है।