छत्तीसगढ़

बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन बनाएगा नक्सलियों के गढ़ पुवर्ती तक सड़क

जगदलपुर । नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाते हुए बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने नक्सलियों के गढ़ और बटालियन नंबर-1 के ठिकाने पुवर्ती तक सड़क निर्माण की योजना बनाई है। यदि इस इलाके में फोर्स के जवानों की आवाजाही बढ़ी तो यह नक्सलवाद के खात्मे में निर्णायक साबित हो सकता है। पुवर्ती, जो अब तक नक्सलियों का मुख्य ठिकाना रहा है, वहां तक सड़क निर्माण करना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है।

बीआरओ का यह कदम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास को गति देने और सुरक्षा बलों की पहुंच बढ़ाने के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दो दशकों के बाद बीआरओ बस्तर में वापसी कर रहा है, जिससे इन इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होने की उम्मीद बढ़ी है।

दिल्ली में बनी योजना
हाल ही में दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण पर विशेष चर्चा हुई। सिलगेर-पुवर्ती-कोंडापल्ली और तर्रेम-कोंडापल्ली मार्गों पर सड़क निर्माण की योजना बनाई गई है। इसके तहत पुवर्ती तक सड़क निर्माण बीआरओ द्वारा किया जाएगा, जिससे सुरक्षा बलों की पहुंच इन कठिन क्षेत्रों में संभव हो सकेगी।

सड़क निर्माण में आएगी तेजी
लोक निर्माण विभाग जगदलपुर ज़ोन के मुख्य अभियंता जीआर रावटे ने बताया कि बस्तर का यह क्षेत्र नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। हाल ही में हुई दिल्ली बैठक में यह तय किया गया है कि सिलगेर से पुवर्ती तक की सड़क का निर्माण बीआरओ द्वारा तेजी से किया जाएगा। इस क्षेत्र में सड़कों का निर्माण न केवल सुरक्षा के लिहाज से बल्कि स्थानीय विकास के लिए भी अहम साबित होगा।

इस परियोजना के पूरा होने पर बस्तर में नक्सल प्रभावित इलाकों में फोर्स की पहुंच आसान हो जाएगी, जिससे नक्सलवाद के खिलाफ अभियान को बल मिलेगा और बस्तर में विकास के नए अवसर खुलेंगे।

 

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